
हकृवि ने माई किसान एग्रो (एमकेडी सीड्स) नीमच, मध्यप्रदेश के साथ किया समझौता
हिसार, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई
उन्नत किस्मों का बीज किसानों तक पहुंचाने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ
समझौते किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने सरसों की उन्नत किस्में आरएच-1975 व आरएच-725
का बीज मध्यप्रदेश के किसानों को उपलब्ध करवाने के लिए माई किसान एग्रो (एमकेडी सीड्स)
नीमच, मध्यप्रदेश के साथ समझौता किया है।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने गुरुवार काे बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा
लगातार विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित की जा रही हैं। वैज्ञानिकों द्वारा ईजाद
की गई उन्नत किस्में देशभर में अपना परचम लहरा रही हैं। किसानों को विश्वसनीय किस्मों
का बीज एवं तकनीक उपलब्ध करवा कर प्रदेश एवं देश के खाद्य उत्पादन में बढ़ोतरी की जा
सकती है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई सरसों की उन्नत किस्में आरएच 1975 और आरएच
725 का माई किसान एग्रो (एमकेडी सीड्स) के साथ समझौता हुआ है। कुलपति प्रो. बी.आर.
काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की और से अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने
तथा कम्पनी की तरफ से जसवंत सिंह चौधरी ने हस्ताक्षर किए।
इन किस्मों की विशेषताएं
सरसों की आरएच 1975 किस्म 11 से 12 किवंटल प्रति एकड़ औसत उत्पादन तथा 14 से
15 किवंटल प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता रखने वाली किस्म है। इस किस्म में तेल कि मात्रा
लगभग 39.5 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि पैदावार और तेल की मात्रा अधिक होने के कारण
यह किस्म अन्य किस्मों की अपेक्षा किसानों में अधिक लोकप्रिय है। आरएच 1975 किस्म हरियाणा
सहित पंजाब, दिल्ली, जम्मू व उत्तरी राजस्थान के सिंचित क्षेत्रों में बीजाई के लिए
चिन्हित की गई है, इसलिए इन राज्यों के किसानों को इस किस्म का लाभ मिलेगा।
सरसों की आरएच-725 किस्म की फलियां अन्य किस्मों की तुलना में लंबी व उनमें
दानों की संख्या भी अधिक होती है। साथ ही दानों का आकार भी बड़ा होता है और तेल की
मात्रा भी ज्यादा होती है। यह किसानों में सबसे अधिक प्रचलित व लोकप्रिय किस्म है जो
कि हरियाणा के अलावा पंजाब, दिल्ली, जम्मू, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व मध्य प्रदेश में
20 से 25 प्रतिशत क्षेत्र में अकेली उगाई जाने वाली किस्म है। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. पवन कुमार, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके
पाहुजा, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश कुमार, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. विनोद मलिक,
डॉ. रामअवतार, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. रेणू मुंजाल व डॉ. जितेन्द्र
भाटिया उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
