Haryana

हिसार : कृषि में विविधिकरण अपनाएं और मोटे अनाज की पैदावार को प्राथमिकता दें किसान : नायब सैनी

हकृवि में आयोजित कृषि मेले में स्टॉल का अवलोकन करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।

सरकार के लिए किसानों के हित सर्वोपरि, नहीं होगी

किसी को परेशानी

मुख्यमंत्री ने किया रबी कृषि मेला का शुभारंभ,

हर घर छांव-हर घर फल योजना का भी शुभारंभ

हिसार, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री नायब सिंह

सैनी ने किसानों का आह्वान किया कि वे कृषि में विविधिकरण को अपनाएं व मोटे अनाज की

पैदावार को प्राथमिकता दें। हरियाणा सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है और कृषि को

लाभकारी बनाने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने किसानों को प्रोत्साहित

करते हुए कहा कि औषधीय पौधों, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी, फूल एवं फल की

खेती जैसे विकल्प अपनाकर किसान अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आश्वस्त

किया कि सरकार इस दिशा में किसानों को हर संभव सुविधा और प्रोत्साहन उपलब्ध कराती रहेगी।

मुख्यमंत्री रविवार को हिसार में हरियाणा कृषि

विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित रबी कृषि मेला का शुभारंभ करने उपरांत उपस्थितजन को संबोधित

कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने हर घर छांव-हर घर फल योजना का भी शुभारंभ किया।

इस योजना

के तहत प्रदेश के 22 जिलों के 110 गांवों में 55 हजार फलदार पौधों का नि:शुल्क वितरण

किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लगभग 6 व्यक्तियों को पौधे प्रदान किए। इसके

अलावा, मुख्यमंत्री ने देशी गायों के संरक्षण और विकास तथा मुर्राह विकास योजना के

अंतर्गत 50 पुशपालकों को 40 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि के डमी चैक का भी वितरण

किया। साथ ही, 75 महिला उद्यमियों को डेयरी स्थापना स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए। मुख्यमंत्री

ने विश्वविद्यालय परिसर में दत्तोपंत ठेंगड़ी कृषि उद्यमिता स्थल का उद्घाटन किया।

इसके अलावा, कल्पना चावला महिला छात्रावास और देवी अहिल्या बाई होलकर महिला छात्रावास

का भी उद्घाटन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समय की मांग है कि किसान

ऐसी फसलों की पैदावार करें, जिसमें पानी की कम जरूरत होती है। ऐसी फसलों को बढ़ावा

देने के लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना वर्ष 2020 में शुरू की है। इस योजना

के तहत वैकल्पिक फसलें लेने या खेत खाली छोडऩे वाले किसानों को 8 हजार रुपये प्रति

एकड़ वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत 2 लाख 20 हजार एकड़ में धान की जगह

वैकल्पिक फसलें बोने पर किसानों को 157 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। उन्होंने

कहा कि पानी की बचत के लिए वर्षा जल संचयन, ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी माइक्रो इरिगेशन

तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। माइक्रो इरीगेशन तकनीकों पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी

दी जाती है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा

ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और किसानों की मेहनत से ही देश की अर्थव्यवस्था

सुदृढ़ होती है। इसी उद्देश्य से देशभर में कृषि पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसके तहत

प्रदेशभर के गांवों में जाकर किसानों को उन्नत कृषि तकनीक, जैविक व प्राकृतिक खेती

और बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के बारे में जागरूक किया जाएगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा,

पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, विधायक सावित्री जिंदल, विधायक रणधीर पनिहार,

हकृवि के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार

सावन, बागवानी विभाग से अर्जुन सैनी, नगराधीश हरिराम, जिला परिषद के चेयरमैन सोनू सिहाग

डाटा, मेयर प्रवीण पोपली, पूर्व मंत्री अनूप धानक, हिसार जिलाध्यक्ष आशा खेदड़, हांसी

जिलाध्यक्ष अशोक सैनी सहित अनेक गणमान्य नेता एवं नागरिक उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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