Uttrakhand

गर्भवती महिलाओं के लिए मानसून में सुरक्षा कवच बना प्रशासन

गर्भवती महिलाओं के लिए स्थापित कंट्रोल रूम

चंपावत, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली आपात स्थितियां, सड़क अवरोध और संचार बाधाएं गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर चुनौती बन सकती हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन ने एक ठोस एवं संवेदनशील कदम उठाया है। गर्भवती महिलाओं की पहचान, सतत निगरानी और समय पर सहायता की प्रभावी व्यवस्था की गई है ताकि उन्हें सुरक्षित प्रसव सुविधा सुलभ हो सके।

जिलाधिकारी मनीष कुमार के निर्देशों के अनुसार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. देवेश चौहान द्वारा संभावित प्रसव तिथि वाली महिलाओं की सूची तैयार कर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी गई है। यह सूची सभी उपजिलाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को भी भेजी गई है ताकि स्थानीय स्तर पर त्वरित समन्वय स्थापित किया जा सके।

जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र और तहसील स्तरीय कंट्रोल रूम की टीमें प्रतिदिन सूचीबद्ध महिलाओं से संवाद स्थापित कर रही हैं। इन संवादों के माध्यम से न केवल उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली जा रही है, बल्कि संभावित आपातकालीन परिस्थितियों की पूर्व तैयारियां भी सुनिश्चित की जा रही हैं।

पाटी, लोहाघाट, बाराकोट और चम्पावत ब्लॉकों के दूरस्थ गांवों की अनेक महिलाओं से सीधा संवाद कर, उनकी प्रसव तिथि, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य आवश्यकताओं की जानकारी ली गई है। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से सतत निगरानी का तंत्र स्थापित कर आवश्यक संसाधनों की पूर्व तैयारी सुनिश्चित की जा रही है।

प्रशासन यह संदेश दे रहा है कि कोई भी महिला किसी भी परिस्थिति में अकेली नहीं रहेगी। यह पहल न केवल एक संवेदनशील कदम है, बल्कि प्रशासनिक जिम्मेदारी और मानवीय सरोकार का प्रतीक भी है।

इसके अतिरिक्त कंट्रोल रूम की टीमें ग्रामीण क्षेत्रों से यह जानकारी भी जुटा रही हैं कि कहीं कोई सड़क बाधित तो नहीं है, कोई व्यक्ति इलाज से वंचित तो नहीं है या किसी को तत्काल चिकित्सीय अथवा प्रशासनिक सहायता की आवश्यकता तो नहीं है।

(Udaipur Kiran) / राजीव मुरारी

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