
जयपुर, 25 जून (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने जिला उपभोक्ता आयोग के 9 साल पुराने आदेश की पालना से जुड़े मामले में आवासन मंडल आयुक्त को 27 जून को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि यदि अदालती आदेश की पालना नहीं की गई तो दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस सुदेश बंसल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश आवासन मंडल आयुक्त की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जिला उपभोक्ता आयोग ने 30 मई, 2016 को आवासन मंडल को आदेश जारी कर उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ राज्य आयोग और राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग तक मामला गया, लेकिन आयोग को राहत नहीं मिली। वहीं जिला उपभोक्ता आयोग ने अवमानना प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए आवासन मंडल आयुक्त को जमानती वारंट जारी कर उपस्थित होने को कहा था, लेकिन आयुक्त की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई। ऐसे में आयुक्त 27 जून को हाईकोर्ट में पेश हों।
गौरतलब है कि रमेश चन्द्र गुप्ता ने जनवरी, 1980 में मानसरोवर योजना में मध्यम आय वर्ग के आवास के लिए आवेदन किया था। परिवादी ने पता बदलने पर नए पते की सूचना भी आवासन मंडल को दी थी, लेकिन मंडल ने मकान का आरक्षण पत्र पुराने पते पर ही भेजा। जिससे वह तय अवधि में राशि जमा नहीं करा सका। वहीं बाद में कई बार प्रार्थना करने पर भी उसे मकान का आवंटन नहीं किया। इस पर परिवादी ने साल 2013 में जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश किया। जिस पर 3 मई, 2016 को फैसला देते हुए आयोग ने साल 2010 की दर से दो माह में आवास आवंटित करने को कहा और साथ ही आवासन मंडल पर 1.10 लाख रुपए का हर्जाना लगाया। इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय आयोग तक अपील की गई, लेकिन मंडल को राहत नहीं मिली। दूसरी ओर परिवादी ने जिला आयोग में प्रार्थना पत्र पेश कर दोषी अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई करने की गुहार की। जिस पर सुनवाई करते हुए गत दिनों आयोग ने मंडल के आयुक्त सहित अन्य अधिकारी को जमानती वारंट से तलब किया। इस आदेश को आयुक्त ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
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(Udaipur Kiran)
