Madhya Pradesh

आचार्यश्री अशोकसागरसूरीश्वरजी म.सा. का केसरियानाथ यक्षराज माणिभद्र में हुआ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

आचार्यश्री अशोकसागरसूरीश्वरजी म.सा. का केसरियानाथ यक्षराज माणिभद्र में हुआ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

उज्जैन, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । भैरवगढ़ जेल रोड से आचार्यश्री अशोकसागरसूरीश्वरजी म.सा., आचार्य सागरचंद्रसागर म.सा., आचार्य सौम्यचंद्रसागरजी म.सा., आचार्य विवेकचंद्रसागरजी म.सा. आदि ठाना आठ के साथ सामैया हुआ। इंदौर, देवास, रतलाम, नागदा, खाचरोद, मंदसौर, महिदपुर, माण्डवगढ़, भावनगर, बदनावर, धार, सूरत, अहमदाबाद, पालिताणा, बांसवाड़ा, राजगढ़, धुलिया, देपालपुर आदि स्थानों से श्रद्धान्वित श्रावक और श्राविका व श्रीसंघ सफ़ेद व केसरिया वस्त्र में सम्मलित हुए।

श्री तेरापंथ महिला मण्डल नयापुरा, श्री श्रेयांसनाथ महिला मण्डल नयापुरा, श्री वर्धमान स्थानक महिला मण्डल नयापुरा व श्री आदेश्वर-चन्दप्रभु महिला व बहु मण्डल नयापुरा कलश लेकर सम्मलित हुए। बैंड-बाजो के साथ सामैया श्री माणिभद्र वीर तीर्थ पंहुचा। तत्पश्चात आचार्यश्री के श्री मुख से धर्मसभा आरम्भ हुई। आचार्य श्रीअशोकसागरसूरीश्वर ने कहा कि अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, और ब्रह्मचर्य जैसे जैन सिद्धांतों पर चलकर प्रत्येक प्राणी मोक्ष प्राप्त कर सकता है। कर्मों के फल, आत्मा के स्वरूप और निर्वाण की प्राप्ति पर आचार्यश्री ने उपदेश दिया।

आचार्यश्री सागरचंद्रसागरजी ने सांसारिक वस्तुओं के प्रति अनासक्ति, दूसरों के प्रति दया, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने के महत्व पर मार्मिक उपदेश दिया। आचार्य श्री सौम्याचंद्रसागरजी ने उत्तम, उत्कृष्ट, सर्वोत्तम शत्रुंजय तप की महिमा बताई एवं 17 जुलाई से आरम्भ होने वाले शत्रुंजय तप में अधिक से अधिक आराधकों को आराधना करके समृद्धि, उत्कर्ष, पूर्णता प्राप्त करने का मार्ग बताया। गुरु पूजन का लाभ चातुर्मास समिति के अध्यक्ष व मुख्य लाभार्थी प्रकाशचंद पीयूष कुमार सांवरा परिवार राजनगर उज्जैन परिवार ने लिया। गुरुदेव को कमली वैराने का लाभ ज्ञानचंद्र सुराणा परिवार रतलाम वालो ने लिया।

—————

(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

Most Popular

To Top