
प्रयागराज, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हत्या के प्रयास के मामले में संदेह का लाभ देते हुए बांदा के इल्लुवा उर्फ हरि शंकर और बिलुआ उर्फ उमाशंकर को बरी कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने इलुआ और अन्य की अपराधिक अपील पर दिया है।
बांदा के तिंदवारी में 28 नवम्बर 1978 को शाम 5 बजे चुन्नी लाल ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि राम अवतार की कृषि भूमि पर वह और शिवनंदन काम कर रहे थे। इसी दौरान इलुआ ने उन पर एक देशी पिस्तौल से फायर किया। इसके बाद बिलुआ ने उन्हें लाठी से पीटना शुरू कर दिया, जिससे उनके सिर और पैरों पर चोटें आई। पुलिस ने इस मामले में हत्या का प्रयास सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था।
अपर सत्र न्यायाधीश बांदा ने 16 जनवरी 1985 को आरोपितों को दोषी ठहराते हुए पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई। बिलुआ की अपील उसकी मृत्यु के चलते पहले ही रद्द कर दी गई थी। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद पाया कि अभियोजन पक्ष इलुवा को लगी चोटों की संतोषजनक व्याख्या नहीं दे सका।
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
