Delhi

ठगी के मामले में दो वर्षो से वांछित आरोपित गिरफ्तार

नई दिल्ली, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । रोहिणी जिले की साइबर पुलिस ने एक दो साल पुराने साइबर ठगी के मामले का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित की पहचान झुंझुनूं, राजस्थान रोहित (28) के रूप में हुई है। आरोपित खुद को ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक बताकर लोगों से धोखाधड़ी करता था। आरोपित जस्ट डायल पर अपना प्रोफाइल बना कर फर्जी ट्रांसपोर्ट सेवा का विज्ञापन देता था, फिर इच्छुक ग्राहकों से ट्रांसपोर्ट चार्ज के नाम पर पैसे ठगता था।

रोहिणी जिले के डीसीपी राजीव रंजन के अनुसार कुछ समय पहले शिकायतकर्ता ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने शिकायत में बताया कि उसने जस्ट डायल पर एक ट्रांसपोर्ट सेवा की प्रोफाइल देखी। उस पर दिए गए नंबर पर कॉल करने के बाद आरोपित ने खुद को ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक बताया और रोहिणी से गुवाहाटी, असम तक मशीन डिलीवरी की सेवा देने की बात कही।

विश्वास जीतने के लिए आरोपित ने असली ट्रांसपोर्ट कंपनियों से कोटेशन व गाड़ी के नंबर व तस्वीरें मंगवाई और वही ग्राहक को भेजीं।

उसके 10,000 का भुगतान लिया। एक पोर्टर वाहन भी भेजा, जिसने सामान तो उठाया लेकिन जब सामान गुरुग्राम की असली लॉजिस्टिक कंपनी पहुंचा तो पाया गया कि कोई बुकिंग नहीं हुई थी। ड्राइवर को भी कोई भुगतान नहीं किया गया था।

इस पर शिकायतकर्ता ने मामला दर्ज कराया।

डीसीपी के अनुसार इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया।

जांच में पता चला कि जिस नंबर से कॉल किया गया वह आंध्र प्रदेश से जारी हुआ था लेकिन दूसरे राज्य में उपयोग हो रहा था। जांच में पता चला कि आरोपित का बैंक खाता, जस्टडायल प्रोफाइल और पोर्टर बुकिंग विवरणों के आधार पर उसकी पहचान रोहित निवासी झुंझुनूं, राजस्थान के रूप में की गई।

आरोपित लगातार स्थान और मोबाइल नंबर बदल कर फरार था। दो वर्षों तक तलाशने के बाद जब उसका एक नंबर सक्रिय हुआ, तो टीम को उसका लोकेशन झुंझुनूं में मिला। हालांकि वह वहां से भी फरार हो गया। अंततः उसे उसकी बहन के गांव महरामपुरा से गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ के दौरान आरोपित ने खुलासा किया कि उसने जस्ट डायल पर ट्रांसपोर्टर बनकर प्रोफाइल बनाई थी। जब कोई ग्राहक कॉल करता तो वह असली ट्रांसपोर्टर्स से ग्राहक बनकर बात करता। कोटेशन, वाहन की तस्वीरें और डिटेल लेकर आगे भेजता और एडवांस में पैसे लेता। असली बुकिंग कभी नहीं करता था।

उसका तरीका था कि छोटे अमाउंट की ठगी कर पुलिस केस से बच सके।

पुलिस ने आरोपित के मोबाइल नंबर और फोन से कई अन्य शिकायतें और पीड़ितों की जानकारी बरामद की है।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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