
कोलकाता, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रवासी श्रमिकों के लिए बड़े पुनर्वास पैकेज की घोषणा करते हुए “श्रमश्री योजना” की शुरुआत की। इस योजना के तहत राज्य में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को एक वर्ष तक प्रतिमाह पांच हजार रुपये का भत्ता दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें स्वास्थ्य, आवास और शिक्षा संबंधी कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
योजना की शुरुआत श्रम विभाग ने कर दी है। विभाग के मंत्री मलय घटक ने बताया कि पूरे पंजीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और इसके लिए जल्द ही एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। पोर्टल सक्रिय होने के बाद श्रमिकों को औपचारिक रूप से जोड़ा जाएगा। हालांकि, जो प्रवासी श्रमिक पहले ही बंगाल लौट चुके हैं, उनका पंजीकरण विभागीय अधिकारी घर-घर जाकर कर रहे हैं। इस काम की शुरुआत मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तर दिनाजपुर जिलों से हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को न केवल मासिक पुनर्वास भत्ता मिलेगा बल्कि स्वास्थ्यसाथी कार्ड, आवास योजना में अनुदान और उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकारी आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, उन्हें अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा।
ममता ने अन्य राज्यों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि “जहां डबल इंजन सरकार है, वहां बंगाल से गए श्रमिकों को उनकी भाषा और पहचान के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा है। कई मामलों में बंगालियों को अपराधी ठहराकर जेल में डाला गया, कुछ को बांग्लादेश भेजने की कोशिश हुई, और कई को केवल बंगाली भाषा बोलने के लिए थानों में प्रताड़ित किया गया। अब तक लगभग 22 लाख प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार इस तरह की प्रताड़ना का शिकार हो चुके हैं।”
सरकार का मानना है कि इस योजना से राज्य में लौटे प्रवासी श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा तो मिलेगी ही, साथ ही उन्हें समाज में सम्मानजनक ढंग से पुनर्वास का अवसर भी प्राप्त होगा।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
