
जम्मू, 26 जून (Udaipur Kiran) । नायब तहसीलदार भर्ती में अनिवार्य उर्दू परीक्षा के खिलाफ एबीवीपी द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। उनका मानना है कि विविध भाषाई उम्मीदवारों के साथ यह भेदभाव है। सनक वत्स, राज्य सचिव, एबीवीपी जम्मू कश्मीर ने कहा कि सरकार का निर्णय एनटी भर्ती में नायब तहसीलदार पदों के लिए उर्दू को अनिवार्य योग्यता परीक्षा बनाना एक प्रतिगामी कदम है जो समानता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को कमज़ोर करता है।
हम इसकी मांग करते हैं सरकार राजस्व भर्ती नियमों पर पुनर्विचार करे और सुनिश्चित करे कि सभी अभ्यर्थी इन पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का समान अवसर हो चाहे उनकी भाषा कोई भी हो । उर्दू को अनिवार्य रूप से लागू करने से न केवल उम्मीदवारों को नुकसान होगा बल्कि क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को भी कमजोर करेगा। हम सरकार से अधिक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने और भर्ती सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं।
महानगर सचिव हरीश शर्मा ने कहा कि नायब के लिए उर्दू की परीक्षा अनिवार्य है जो क्षपातपूर्ण निर्णय है जो योग्य लोगों को अवसर से वंचित कर देगा
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
