
जम्मू, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । नायब तहसीलदार भर्ती में उर्दू की अनिवार्यता हटाने की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जम्मू-कश्मीर ने नायब तहसीलदार भर्ती प्रक्रिया में उर्दू की अनिवार्यता को हटाने की मांग को लेकर जम्मू में मुख्यमंत्री आवास के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। एबीवीपी सदस्यों और नायब तहसीलदार अभ्यर्थियों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन बाशा बचाओ यात्रा (भाषा बचाओ आंदोलन) के बैनर तले आयोजित किया गया था जिसका उद्देश्य सभी उम्मीदवारों के लिए उनकी भाषाई पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना समान अवसर सुनिश्चित करना था।
एबीवीपी का तर्क है कि नायब तहसीलदार भर्ती के लिए उर्दू को अनिवार्य बनाना भेदभावपूर्ण है और जम्मू और कश्मीर आधिकारिक भाषा अधिनियम 2020 का उल्लंघन है
जो डोगरी, हिंदी, कश्मीरी, उर्दू और अंग्रेजी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता देता है। एबीवीपी जम्मू-कश्मीर के राज्य सचिव सन्नाक वत्स ने कहा यह एबीवीपी जम्मू-कश्मीर की ओर से उमर अब्दुल्ला सरकार को अंतिम चेतावनी है।
सभी उम्मीदवार नायब तहसीलदार भर्ती प्रक्रिया में समान अवसर के हकदार हैं। उर्दू को अनिवार्य बनाना न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि एक स्पष्ट भेदभाव भी है जो लाखों प्रतिभाशाली युवाओं के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
