West Bengal

अभिषेक बनर्जी का केंद्र पर हमला : अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ को बताया कूटनीतिक विफलता

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी

कोलकाता, 07 अगस्त (Udaipur Kiran) । अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा में नए नेता और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे भारत की ‘कूटनीतिक विफलता’ करार दिया और कहा कि इसके गंभीर परिणाम देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर पड़ेंगे।

कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से कूटनीतिक विफलता है और भारत को इसका कड़ा जवाब देना चाहिए। अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से हमारे निर्यात पर असर पड़ेगा, खासकर आईटी, फार्मा और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में। इससे रोजगार पर भी प्रभाव पड़ेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।”

उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी की भी कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत करार दिया था। बनर्जी ने कहा कि ट्रंप की यह बात सरासर गलत है। 140 करोड़ भारतीयों के प्यार और समर्थन से चल रही भारतीय अर्थव्यवस्था को कोई मार नहीं सकता। हां, यह जरूर कहूंगा कि पिछले 10 वर्षों में यह आईसीयू में पहुंच गई है।

बनर्जी ने पूछा कि जब केंद्र सरकार खुद को ‘56 इंच की छाती’ वाला बताती है, तो फिर अमेरिका, चीन जैसे देश भारत पर इस तरह का दबाव कैसे बना पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने ट्रंप के साथ तस्वीरें खिंचवाईं, उनके साथ प्रचार किया, उनसे इस टैरिफ के बारे में सवाल किया जाना चाहिए। यह एक कूटनीतिक विफलता है और केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा।

हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने साफ तौर पर संकेत दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में अमेरिका के टेक्सस में ट्रंप के लिए प्रचार किया था और 2020 में उन्हें गुजरात बुलाया था। अभिषेक ने कहा कि जिसने ट्रंप को भारत बुलाया, जिसने उसके लिए प्रचार किया, वह आज इस स्थिति का जिम्मेदार है। यह जवाबदेही भाजपा और केंद्र सरकार की है, न कि तृणमूल कांग्रेस की।

अभिषेक बनर्जी ने बताया कि वह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पांच देशों की यात्रा पर गए थे, जिसमें आसियान जैसे मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस बयान तक नहीं आया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार वास्तव में ‘विश्वगुरु’ बनना चाहती है तो उसे अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करना होगा।

——-

पीओके पर भी सरकार को घेरा

उन्होंने केंद्र से यह भी पूछा कि जब गृह मंत्री संसद में कहते हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है, तो फिर उसे वापस लेने में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि देश की जनता आपके साथ है, विपक्षी दल भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, फिर देरी क्यों?

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

Most Popular

To Top