
जौनपुर,23 जून (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण शासनादेश जारी किया है। इसके तहत कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों का बड़े विद्यालयों में विलय किया जाएगा। विलय के लिए कोई न्यूनतम छात्र संख्या निर्धारित नहीं की गई है।
50 से 100 छात्रों वाले स्कूल भी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे। पहले 27 हजार स्कूलों के विलय का अनुमान था। अब यह संख्या बढ़कर 50 हजार तक पहुंच सकती है। इस निर्णय से प्रदेश के 1.35 लाख सहायक शिक्षक और 27 हजार प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त हो सकते हैं। शिक्षामित्रों की नौकरी भी इससे प्रभावित होगी।
आम आदमी पार्टी ने इस आदेश को शिक्षा का अधिकार कानून का उल्लंघन बताया है। आरटीई एक्ट के अनुसार एक किलोमीटर की सीमा में विद्यालय होना आवश्यक है। इस कानून में परिवर्तन केवल विधायिका के माध्यम से किया जा सकता है।
इस मामले में सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए आप पूर्वांचल प्रभारी डॉ. अनुराग मिश्र ने स्कूल बचाओ अभियान की घोषणा की है। इसके तहत आप पार्टी गांव-गांव में मंगलवार से स्कूलों में हस्ताक्षर अभियान चलाएगा स्कूलों के दरवाजों पर रक्षा सूत्र बांधा जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2024 में 27,308 शराब की दुकानों के लिए लॉटरी निकाली गई थी। इसमें 4.18 लाख आवेदन प्राप्त हुए। प्रोसेसिंग फीस से सरकार को 2000 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई।
अक्टूबर 2024 में योगी सरकार ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई थी। आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया था। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार की आलोचना की थी। राज्यसभा सांसद संजय सिंह के नेतृत्व में प्रदेश व्यापी आंदोलन हुआ था। इस दबाव में बेसिक शिक्षा विभाग ने इस खबर को निराधार बताया था।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
