नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता और दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने एमसीडी में हड़ताल पर बैठे 5200 मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) कर्मचारियों की मांगों के समाधान के लिए बनी समिति की शनिवार को हुई हली बैठक में कोई नतीजा न निकलने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि महापौर राजा इकबाल सिंह और एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए, जिससे कर्मचारियों की समस्याओं पर कोई प्रगति नहीं हो सकी।
अंकुश नारंग ने बताया कि 14 अक्टूबर को एमसीडी सदन में महापौर ने 24-48 घंटों में समाधान का वादा किया था, लेकिन 10 दिन बाद भी स्थिति जस की तस है। समिति में भाजपा के चार, आआपा और कांग्रेस के एक-एक सदस्य, और तीन एमटीएस प्रतिनिधि शामिल थे, लेकिन बैठक में महापौर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति ने सवाल खड़े किए।उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज हैं और इन्हें पूरा करने में 400 करोड़ रूपये के दावे को गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि 9,000 एमटीएस कर्मचारियों के लिए 90 करोड़ और 5,200 कर्मचारियों के लिए 41 करोड़ रुपये का ही खर्च आएगा।
नारंग ने गणना दी कि 1,098 सीएफडब्ल्यू में से 886 को, 362 सीएमबी और 2,994 डीबीसी कर्मचारियों को 27,900 रुपये ग्रेड पे देने पर सालाना 41.19 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
नारंग ने मांग की कि कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा किया जाए ताकि दिल्ली की जनता को मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से राहत मिल सके, जिनके मामले हाल में बढ़े हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने उम्मीद जताई कि नगर निगम इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाएंगे और कर्मचारियों के हित में शीघ्र कदम उठाएंगे ताकि त्योहारी मौसम में उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी