RAJASTHAN

उदयपुर में हरियाली अमावस्या का दो दिवसीय मेला गुरुवार से, दूसरा दिन सिर्फ महिलाओं का

उदयपुर में हरियाली अमावस्या का दो दिवसीय मेला गुरुवार से, दूसरा दिन सिर्फ महिलाओं का

उदयपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । झीलों की नगरी उदयपुर में हरियाली अमावस्या का बहुप्रतीक्षित मेला सजने को तैयार है। सहेलियों की बाड़ी से लेकर फतहसागर के चारों ओर दुकानों की कतारें जमने लगी हैं और नगर निगम की ओर से अब तक 600 से अधिक दुकानों का आवंटन किया जा चुका है। मेले की रौनक धीरे-धीरे पूरे शहर में नजर आने लगी है और दुकानदार अपने-अपने स्टॉल सजाने में जुटे हैं।

नगर निगम द्वारा मंगलवार शाम तक 535 स्टॉल आवंटित किए जा चुके थे, जो बुधवार शाम तक बढ़कर 600 के पार पहुंच गए। इससे अब तक निगम को 18 लाख रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इस बार कुल 700 से 750 दुकानों के आवंटन का लक्ष्य रखा गया है।

हरियाली अमावस्या के दो दिवसीय मेले के लिए इस बार फतहसागर, सहेलियों की बाड़ी रोड, यूडीए सर्कल, देवाली रोड, सुखाड़िया सर्कल, पंचवटी मार्ग, चेतक सर्कल से लेकर गांधी ग्राउंड तक के मार्गों पर दुकानों की भरमार रहेगी। मिठाई, सजावट, खिलौने, चूड़ी-बिंदी, घरेलू सामान से लेकर लोकल व पारंपरिक उत्पादों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र होंगे।

बाहरी राज्यों से भी बड़ी संख्या में दुकानदार उदयपुर पहुंचे हैं, जिन्होंने आवंटन प्रक्रिया पूरी कर दुकानों को सजा दिया है। बारिश को देखते हुए दुकानदारों ने तरपाल व अन्य इंतजाम भी किए हैं ताकि मेले में किसी तरह की असुविधा न हो।

बच्चों के मनोरंजन के लिए यूडीए सर्कल और सहेलियों की बाड़ी रोड से सुखाड़िया सर्कल तक डोलर, चकरी और झूले लग गए हैं। यहां बच्चों के साथ आने वाले परिवारों के लिए भी तमाम व्यवस्था की जा रही है।

नगर निगम ने अब मौके पर बिना अनुमति लगी दुकानों से वसूली के लिए चार विशेष टीमें गठित की हैं। ये टीमें नीलामी से छूट गई जगहों पर लगे स्टॉल्स से निर्धारित शुल्क लेकर लाइसेंस प्रदान करेंगी। इससे भी नगर निगम को राजस्व प्राप्त होगा। मेले की तैयारियों की निगरानी राजस्व निरीक्षक विजय जैन, मोहित अग्निहोत्री, कार्यालय सहायक प्रदीप वैष्णव और घनश्याम मेनारिया कर रहे हैं।

हरियाली अमावस्या का दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए

हर वर्ष की भांति इस बार भी हरियाली अमावस्या मेले का दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए रहेगा। इसे सखियों का मेला कहा जाता है, जिसमें पुरुषों का प्रवेश वर्जित रहेगा। इस दिन विशेष रूप से महिला सखियां पारंपरिक परिधानों में सजकर उत्सव में भाग लेंगी।

—————

(Udaipur Kiran) / सुनीता

Most Popular

To Top