
श्रीनगर 26 जून (Udaipur Kiran) । नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर और नशा मुक्त समाज के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए जागरूकता और आउटरीच कार्यक्रमों की श्रृंखला के एक भाग के रूप में पुलिस ने नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे से लड़ने के लिए अथक प्रयासों के साथ घाटी भर में जन जागरूकता कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की।
मुख्य कार्यक्रम युवा विकास और पुनर्वास केंद्र ईदगाह, श्रीनगर द्वारा आयोजित किया गया था जहां कार्यक्रम की शुरुआत युवा विकास और पुनर्वास केंद्र के निदेशक डॉ मोहम्मद मुजफ्फर खान द्वारा स्वागत नोट के साथ हुई, जिन्होंने मेहमानों का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, डीआईजी सीकेआर के एसओ पीर जहूर अहमद उपस्थित थे। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में एसपी उत्तर शौकत अहमद, एसडीपीओ खानयार, प्रशासनिक अधिकारी और डीआईजी सीकेआर श्रीनगर के निजी सचिव शामिल थे।
इस अवसर पर बोलते हुए डीआईजी सीकेआर के एसओ पीर जहूर अहमद ने नशीली दवाओं की लत की रोकथाम पर विचार-विमर्श किया और लोगों के जीवन को बचाने में सक्रिय होने की विनम्र अपील की। एसपी नॉर्थ ने प्रतिभागियों को नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी। विभिन्न प्रतिभागियों ने नशीली दवाओं की लत के विनाशकारी प्रभावों के बारे में भी बात की ।
इस बीच जनता को शिक्षित करने के लिए शोपियां, अनंतनाग, बडगाम, कुलगाम, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, गांदरबल और पीसीआर कश्मीर में आईआरपी 6 वीं बटालियन मुख्यालय सहित कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में वाद-विवाद, रैलियां, सेमिनार और जागरूकता अभियान भी चलाए गए। इन कार्यक्रमों ने जागरूकता, शिक्षा और मजबूत सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए एकजुट प्रतिक्रिया के लिए वैश्विक आह्वान को प्रतिध्वनित किया।
इन कार्यक्रमों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने जनता विशेष रूप से युवाओं से बात की और उन्हें नशीले पदार्थों से दूर रहने और नशा मुक्त समाज का राजदूत बनने का आग्रह किया। केआरएसएफ के सहयोग से एएनटीएफ कश्मीर ने प्रदर्शनी मैदान जहांगीर चौक श्रीनगर में जीवन चुनें, नशीले पदार्थ नहीं की शपथ भी ली और प्रदर्शनी मैदान से घंटा घर लाल चौक तक एक रैली का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों के दौरान सभी जिला प्रमुखों ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नशीले पदार्थों के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाई है। साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस सामुदायिक आउटरीच, शिक्षा और पुनर्वास पहलों को लागू करना जारी रखती है जिसका उद्देश्य निवारक हस्तक्षेप और प्रभावित व्यक्तियों का सामाजिक पुन: एकीकरण करना है। यह आयोजन सख्त कानूनी कार्रवाई और निरंतर जन जागरूकता दोनों के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने की जम्मू-कश्मीर पुलिस की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
