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हिमाचल में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, एक नेशनल हाइवे व 315 सड़कें बंद

शिमला में वर्षा

शिमला, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में जारी ओरेंज अलर्ट के बीच सोमवार को कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई। राजधानी शिमला में दिन भर बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी है क्योंकि अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका है जिससे भूस्खलन और अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 17 अगस्त तक कई जिलों में ओरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। इसमें 14 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट रहेगा। आज रात लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में भारी बारिश का ओरेंज अलर्ट जारी है। 12 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कुल्लू में भारी बारिश का येलो अलर्ट, जबकि कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का ओरेंज अलर्ट रहेगा। इन जिलों में नदी-नालों से दूर रहने और ढलान वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

13 और 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का ओरेंज अलर्ट रहेगा। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, शिमला और सोलन में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 14 अगस्त को शिमला में भी भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी है, जबकि 15 अगस्त को कुल्लू, शिमला और सिरमौर में येलो अलर्ट रहेगा।

बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश बिलासपुर सदर में 50 मिमी दर्ज हुई। शिमला के सराहन और चंबा के चुआड़ी में 30-30 मिमी, सिरमौर के राजगढ़ और कांगड़ा के देहरा गोपीपुर में 20-20 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

बारिश से सोमवार शाम तक 315 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में 181, कुल्लू में 84, कांगड़ा में 23 और सिरमौर में 11 सड़कें शामिल हैं। कुल्लू में नेशनल हाईवे-305 जहेड खनग के पास बंद है। बिजली आपूर्ति के 72 ट्रांसफार्मर ठप हैं, जिनमें सोलन में 40 और मंडी में 20 ट्रांसफार्मर शामिल हैं। 491 पेयजल योजनाएं ठप हैं, जिनमें कुल्लू में 367, मंडी में 69 और कांगड़ा में 41 योजनाएं प्रभावित हैं।

इस मॉनसून सीजन में अब तक वर्षाजनित हादसों में 229 लोगों की मौत हो चुकी है, 36 लापता हैं और 323 घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी में 44, कांगड़ा में 35, चंबा में 26, शिमला में 21, कुल्लू में 18, किन्नौर और हमीरपुर में 16-16, सोलन में 15, ऊना में 13, बिलासपुर में 10, सिरमौर में 9 और लाहौल-स्पीति में 6 लोग शामिल हैं।

अब तक 2,077 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 499 पूरी तरह ढह गए। 311 दुकानें और 1,955 पशुशालाएं नष्ट हुई हैं। अकेले मंडी में 1,181 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 405 पूरी तरह ढह गए। प्रदेश में 54 भूस्खलन, 59 बाढ़ और 30 बादल फटने की घटनाएं दर्ज हुई हैं।

राज्य में अब तक मानसून से कुल नुकसान 2,007 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1,071 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 682 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सलाह दी है कि यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लें और भूस्खलन तथा अचानक जलस्तर बढ़ने वाले इलाकों से दूर रहें।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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