Uttar Pradesh

गंगा नदी जल से डूबे मकान, जलमग्न प्लाट बेचने में जुटे एजेंटों की भरमार

गंगा नदी के जल से डूबा सामने घाट (ऊपर), जलमग्न प्लाट(नीचे)

वाराणसी, 05 अगस्त (Udaipur Kiran) । वाराणसी में सामने घाट क्षेत्र में गंगा नदी के जल के सड़क तक आने के बाद जनजीवन प्रभावित है। इस बाढ़ जैसे हालात में मौके का फायदा उठाकर पानी में डूबे मकान बिकवाने वाले एजेंटों की भरमार है। वहीं सामने घाट क्षेत्र में कुछ एजेंट जलमग्न हो चुके प्लाॅट भी बेचने से पीछे नहीं हट रहे हैं। उनका कहना है कि सामने घाट का क्षेत्र हर वर्ष जलमग्न होता है और ऐसे में कई लोग परेशान हो कर अपने मकान की बोली लगा देते हैं।

सामने घाट क्षेत्र के प्लाट जमीन के एजेंट रविकांत ने बताया कि उनसे लोग मिलते हैं तो कहते हैं कि गंगा जल से डूबे मकान में रहने से अच्छा है कि उसे बेचकर उसी धन से दूसरी जगह मकान खरीद लिया जाए। ऐसे लोगों के मकान नदी का पानी बढ़ने पर डूबते है और ये बेहद परेशान होकर उनके पास आते हैं। डूबे हुए मकान पानी उतरने के बाद बिकते भी हैं। पानी उतरने के बाद ही मकान को किसी ग्राहक को दिखाया जाता है। नहीं तो पानी में तैरकर कौन देखने जाएगा।

उन्होंने बताया कि सस्ती जमीन, सस्ते मकान के चक्कर में हर साल यहां सामने घाट और आसपास के इलाके में लोग फंस जाते हैं। बारिश के दिनों में सड़क पर पानी लगना आम बात है और गंगा का जल भी हर साल यहां सड़क तक आ ही जाता है। करीब एक महीने खासी दिक्कत रहती है। फिर भी ट्रामा सेंटर, बीएचयू देखकर इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों ने मकान और प्लाट खरीदे हैं।

एजेंट मनोज यादव ने कहा कि वाराणसी शहर में बिहार, चंदौली की तरह से आने वाले लोगों को बीएचयू के चारों ओर प्लाट, मकान लेना होता है। इसमें भी लोग सस्ती जगह की तलाश करते हैं। फिर वह जगह पानी में डूबी हुई ही क्यों न हो। इस क्षेत्र में जमीन मकान बिकवाने वाले लोगों के लिए बारिश का समय थोड़ा कठिन दौर होता है। कुछ समय बाद फाल्गुन से धंधे में तेजी आ जाएगी।

(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र

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