Madhya Pradesh

दमोह जिले में किसानों के लिए बड़ी सौगात: 1 दिसम्बर से उर्वरक वितरण हेतु ई-टोकन व्यवस्था लागू

Farmers will get fertilizer without human intervention in Damo

दमोह,29 नबम्बर(Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश के दमोह जिले के किसानों को अब खाद-उर्वरक प्राप्त करने में होने वाली भारी परेशानी से बड़ी राहत मिलने जा रही है। जिला प्रशासन की पहल पर एक दिसम्बर से एक नई और आधुनिक व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसके तहत किसानों को अब उर्वरक लेने के लिए घंटों लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देशन में तैयार इस व्यवस्था का उद्देश्य किसानों के समय की बचत करना, पारदर्शिता बढ़ाना और उर्वरक वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाना है।

किसान अब स्वयं पोर्टल पर करा सकेंगे पंजीयन

नवीन व्यवस्था में किसान ई-गवर्नेंस आधारित पोर्टल पर जाकर स्वयं अपना पंजीयन कर सकेंगे और पंजीयन पूर्ण होते ही उन्हें एक ई-टोकन प्राप्त होगा। यह ई-टोकन किसानों को यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें किस दिन और किस केंद्र से उर्वरक प्राप्त करना है। इससे न केवल भीड़ नियंत्रित होगी, बल्कि किसानों को असुविधा भी नहीं होगी।

पंजीयन के लिए किसान को अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। पंजीयन के समय दिया गया यही मोबाइल नंबर किसान को उस केंद्र पर भी साथ लेकर जाना होगा, जिसे उसने चुना है। मोबाइल नंबर से ओटीपी सत्यापन के माध्यम से पहचान सुनिश्चित की जाएगी।

व्यवस्था केवल दमोह जिले के किसानों के लिए

इस नई पहल का लाभ केवल दमोह जिले के किसानों को ही मिलेगा। अन्य जिलों के किसान इस पोर्टल पर पंजीयन नहीं कर सकेंगे। इसका उद्देश्य जिले में खाद वितरण को सुव्यवस्थित करना और बाहरी दबाव से मुक्त रखना है। इस योजना के संबंध में स्थानीय संयुक्त कलेक्टोरेट भवन के सभाकक्ष में शनिवार पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। जिला जनसंपर्क अधिकारी वाय. ए. कुरैशी ने पत्रकारों को योजना की पृष्ठभूमि एवं कार्यप्रणाली से अवगत कराया।

पत्रकार वार्ता में उपस्थित उप संचालक आत्मा कृषि जे. एल. प्रजापति ने बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों में इस प्रकार की व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन दमोह जिले में लागू की जा रही प्रणाली कई मायनों में भिन्न है और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इसे अधिक उपयोगी बनाया गया है।

ई-टोकन से खत्म होंगी लंबी लाइनें

उन्‍होंने कहा कि ई-टोकन व्यवस्था के शुरू होने से किसानों को खाद केंद्रों पर घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। किसान चाहे घर बैठे मोबाइल से या नजदीकी साइबर कैफे से पोर्टल पर पंजीयन कर सकते हैं। पंजीयन के बाद उन्हें ई-टोकन के साथ यह जानकारी भी उपलब्ध होगी कि किस केंद्र पर कौन-सा उर्वरक उपलब्ध है। इससे किसानों को इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी और समय व श्रम दोनों की बचत होगी। वहीं, किसान जिले के किसी भी खाद वितरण केंद्र का चयन कर सकेंगे। पंजीयन के लिए समग्र आईडी, खसरा-बही, आधार कार्ड और ऋण पुस्तिका जैसे दस्तावेज जरूरी होंगे।

6 प्रकार के उर्वरक उपलब्ध रहेंगे

यहां यह भी जानकारी दी गई कि योजना के तहत किसानों को कुल छह प्रकार के उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे किसानों को अपनी फसल की जरूरत के हिसाब से उचित खाद प्राप्त करने में सुविधा होगी। साथ ही ई-गवर्नेंस के अधिकारी महेश अग्रवाल ने बताया कि पंजीयन के दौरान किसान को यह जानकारी भी भरना आवश्यक होगा कि वह किसी सहकारी समिति का सदस्य है या नहीं, अथवा कहीं वह डिफॉल्टर श्रेणी में तो नहीं आता। इससे सिस्टम में किसान की श्रेणी का स्पष्ट रिकॉर्ड उपलब्ध होगा और शासन स्तर पर खाद की मांग एवं उपलब्धता का सही आकलन किया जा सकेगा।इसके अलावा जिले में कुल कितने रकबे में कौन-कौन सी फसलें बोई गई हैं और उन्हें कितनी खाद की आवश्यकता है, इसकी जानकारी भी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। यह डेटा भविष्य में कृषि योजना बनाने में भी सहायक होगा।

इस पत्रकार वार्ता में उप संचालक कृषि एवं किसान कल्याण जी. एल. अहिरवार भी उपस्थित रहे। उन्होंने योजना के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी और पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने बताया कि नई प्रणाली से न केवल अव्यवस्था नियंत्रित होगी, बल्कि खाद वितरण प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनेगी।

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(Udaipur Kiran) / हंसा वैष्णव