
– पद्मश्री मालिनी अवस्थी करेंगी सांस्कृतिक संध्या का आगाज
प्रयागराज, 29 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय शिल्प मेला को प्लास्टिक मुक्त बनाना केवल एक पहल नहीं, बल्कि हमारे आने वाले कल के प्रति जिम्मेदारी है। इसलिए प्लास्टिक का पूर्णतः परित्याग कर स्वच्छ-हरित संस्कृति को बढ़ावा दें। यह बातें केंद्र निदेशक सुदेश शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रीय शिल्प मेले को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एक बार फिर कला, शिल्प और संस्कृति के भव्य समागम के लिए तैयार है। ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत, राष्ट्रीय शिल्प मेला इस वर्ष एक से 10 दिसंबर तक किया जा रहा है। यह 32वां शिल्प मेला प्रयागवासियों के लिए एक बड़ा आकर्षण बनने वाला है, जिसमें पूरे देश की कला और खानपान की झलक मिलेगी।
20 राज्यों के 156 स्टॉल, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पकार होंगे आकर्षणइस वर्ष देश के 20 राज्यों से आए शिल्पकारों के लिए कुल 156 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। इनमें 129 स्टॉल उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों के होंगे, जबकि 27 स्टॉल विभिन्न राज्यों के पारम्परिक और ज़ायकेदार व्यंजनों के लिए समर्पित होंगे।
मेले में कर्नाटक का सिल्क सूट, मध्य प्रदेश की हैंड एम्ब्रॉयडरी, यूपी, झारखंड और बिहार के सिल्क वस्त्र व शॉल, जयपुरी रजाइयां वहीं हैदराबाद के मशहूर मोती, बंगाल की धान ज्वैलरी, स्टोन ज्वैलरी तथा हस्तशिल्प में राजस्थान की स्टोन कार्विंग, मोजाइक ग्लास, टेराकोटा बर्तन, मुरादाबाद पीतल के बर्तन, लकड़ी के खिलौने और भगवान के पोशाक जबकि पंजाब की फुलकारी और जूती, कई प्रदेशों के चर्म शिल्प, चटाई, ड्राई फ्लावर और चादरें एवं आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ राज्यों के उत्पादों का प्रदर्शन होगा।
लगभग 650 कलाकार देंगे रंगारंग प्रस्तुतियांशिल्प मेले का सांस्कृतिक मंच इस बार देश के शीर्ष और आंचलिक कलाकारों से गुलजार रहेगा। सांस्कृतिक संध्या का आगाज़ प्रख्यात लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी करेंगी। गजल गायक भूपेंद्र शुक्ला और कव्वाल गायक यूसुफ निजामी अपनी प्रस्तुति देंगे। कवि एवं शायर एकत्र होगें। 9 दिसंबर को विशेष रूप से कवियों की महफिल सजेगी।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र