
– झांसी मंडल के बानमोर-साॅक-मुरैना खंड में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली शुरू
प्रयागराज, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के मार्गदर्शन तथा प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता सतेंद्र कुमार, मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता भोलेन्द्र सिंह एवं मुख्यालय टीम के सहयोग से इस नई तकनीक से अब ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे कम दूरी पर भी सुरक्षित रूप से चलाई जा सकेंगी, जिससे खंड की लाइन क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों की पंक्चुअलिटी में सुधार होगा। साथ ही इस तकनीक से ट्रेन संचालन के दौरान मानवीय त्रुटियों की संभावना कम हो जाएगी।
यह जानकारी एनसीआर के सीपीआरओ शशि कांत त्रिपाठी ने देते हुए बताया कि इस परियोजना के तहत कुल दो ब्लॉक सेक्शन एक ही दिन में चालू किए गए, जो कठिन भू-भाग में एक बड़ी उपलब्धि है। तीन प्रमुख स्टेशनों (बानमोर, साॅक, मुरैना) पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली को उन्नत किया गया, जिससे सिग्नल संचालन और अधिक सटीक एवं तेज हुआ है। इस खंड में 104 अत्याधुनिक ट्रैक डिटेक्शन उपकरण लगाए गए हैं, जो ट्रेन की स्थिति का सटीक पता लगाते हैं और सिग्नलिंग को और अधिक भरोसेमंद बनाते हैं।
इसके अतिरिक्त 13 सिग्नलों को अपग्रेड करके अब उन्हें चार पहलू वाला बनाया गया है, जिससे लोको पायलट को दूर से ही स्पष्ट संकेत मिलते हैं और ट्रेन की गति व नियंत्रण में सुधार होता है। इसके अलावा, इस खंड में स्थित इंटरलॉक समपार फाटक संख्या 446 को भी ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल प्रणाली के अनुरूप किया गया है, जिससे फाटक पार करने वाले राहगीरों और सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और बेहतर हो गई है।
इस वित्तीय वर्ष में अभी तक झांसी डिवीज़न के दिल्ली-चेन्नई मेन लाइन रूट में कुल 11 ब्लॉक सेक्शन (92.75 किमी.) चालू किए जा चुके हैं। सिथौली से बिरलानगर तक दिसंबर में, मुरैना-सिकरोदा-हितमपुर सेक्शन जनवरी 2026 में, दैलवारा-ललितपुर-जीरोन सेक्शन ललितपुर यार्ड रीमॉडलिंग सहित, जो झांसी की निर्माण इकाई की ओर से की जा रही है, दिसंबर में पूरी करने की योजना है।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र