
याज्ञशाला में हवन और यज्ञ के बीच वास्तुपूजा और नवग्रह पूजा
वाराणसी, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी) के मीरघाट में स्थित मां सती के 51 शक्तिपीठों में से एक विशालाक्षी शक्तिपीठ में शनिवार को भी कुंभाभिषेक अनुष्ठान की प्रक्रिया वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच हुई। सुबह से सायं सात बजे तक यज्ञ चलता रहा। इसके बाद आरती होगी। अगले दिन रविवार को भी प्रात: काल नौ बजे से द्वितीय याज्ञशाला के अनुष्ठान संग हवन-यज्ञ संग आरंभ हो जाएंगे।
मंदिर के महंत पं. राजनाथ तिवारी ने बताया कि अनुष्ठान में मंदिर के शिखर का मुख्य कुंभाभिषेक एक दिसंबर को होगा। एक दिसंबर को प्रात:काल सात बजे से नौ बजे तक यज्ञ होगा। पूर्वांह 9:30 बजे से मंदिर में पूजन व परिक्रमा की जाएगी। पूर्वांह 10 से 10:20 बजे तक कुंभाभिषेक होगा। संगम के जल से शिखर का अभिषेक कर शिखर पर छह स्वर्ण कलश स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही माता विशालाक्षी मंदिर के गर्भगृह में दो और शक्तिपीठों की देवियों मां कामाक्षी व मां मीनाक्षी की प्रतिमाओं के अतिरिक्त भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की भी प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी।
कुंभाभिषेक का अनुष्ठान श्रीकाशी नाट्टकोट्टई नगरम् क्षत्रम मैनेजिंग सोसाइटी के तत्वावधान में चल रहा है। महंत राजनाथ तिवारी ने बताया कि प्रत्येक 12 वर्ष में होने वाला यह विशिष्ट धार्मिक अनुष्ठान नौवीं बार हो रहा है। इसके पहले बीते शुक्रवार को वास्तुपूजा और नवग्रह पूजा हुई। अनुष्ठान की सफलता के लिए विघ्न विनाशक गणपति का पूजन कर आशीर्वाद लिया गया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी