Madhya Pradesh

हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित हों : मुख्य सचिव जैन

कलेक्टर्स कांफ्रेंस के निर्णयों के पालन पर  समीक्षा

– मुख्य सचिव जैन ने कलेक्टर्स कांफ्रेंस के निर्णयों के पालन पर की समीक्षा, समन्वय से काम करने के दिए निर्देश

भोपाल, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षक से कहा कि आमजन से जुड़े मामलों में सर्वोच्च प्राथमिकता और समन्वय से कार्य करें जिससे शासन की कल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ पात्र परिवारों तक पहुंचे। मुख्य सचिव जैन शुक्रवार शाम को मंत्रालय में वी.सी से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गत माह संपन्न हुई कलेक्टर्स कांफ्रेंस के बिदुंओं पर हुई कार्यवाही के पालन प्रतिवेदन की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सेक्रेटरी ने विभागीय प्रेजेंटेशन दिये।

मुख्य सचिव जैन ने स्वास्थ्य और महिला बाल विकास की हितग्राही मूलक योजनाओं के अमल की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कलेक्टर्स जिला स्वास्थ्य और पोषण समितियों की हर माह बैठक करें। उन्होंने निर्देश दिये कि जिला चिकित्सालय सहित अन्य शासकीय अस्पतालों का निरीक्षण कर रोगी कल्याण सुविधाओं को सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्यों को पूर्ण करने के साथ मातृ और शिशु मृत्यु दर में और भी कमी लाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सिकल सेल और क्षय रोग उन्मूलन में और बेहतर काम करने के लिए कहा।

मुख्य सचिव ने बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रदेश के प्रत्येक स्कूल में एक कक्षा को स्मार्ट क्लास बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए स्वच्छता कार्यक्रमों और प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी सहित इसी तरह के अन्य प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन के मामले को त्वरित गति से निपटाने के कलेक्टर्स को निर्देश दिए। बैठक में पट्टा वितरण, अवैध कालोनियों के प्रबंधन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उपायों पर भी कलेक्टर्स को महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने रोड सेफ्टी उपायों, गीता भवन के निर्माण, कैटल फ्री रोड आदि के लिए जिलों में किए गए कार्यों की समीक्षा की।

मुख्य सचिव जैन ने कृषि गतिविधियों की समीक्षा करते हुए विदिशा जिले में किसानों को उनके घर तक खाद और उर्वरक की आपूर्ति के लिए प्रारंभ किए गए पायलट प्रोजेक्ट की सराहना की। शाजापुर और जबलपुर में भी इस तरह के प्रोजेक्ट प्रारंभ किये गये। उन्होंने सभी जिलों मे यह प्रोजेक्ट लागू करने के निर्देश दिए है। बैठक में प्राकृतिक और जैविक खेती और नेशनल फार्मिग मिशन पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि भावांतर योजना का वास्तविक किसानों को ही लाभ मिलना सुनिश्चित हो। उन्होंने कलेक्टर्स को मंडियों के निरीक्षण के निर्देश भी दिए।

बैठक में बताया कि आगामी सिंहस्थ के दृष्टिगत मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार उज्जैन और आस-पास के जिलों में फूलों की खेती के लिए 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र लिए जाने पर कार्य हो रहा है। गुना के गुलाब की खेती को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। बैठक में दुग्ध-उत्पादन बढ़ाने और विकसित किए गए नए मिल्क रूट प्लान पर भी चर्चा हुई। बैठक में मछली पालन, पशु पालन और फुड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट आदि की प्रगति पर चर्चा हुई।

रोजगार, उद्योग एवं निवेश प्रबंधन पर जिलों की प्रगति देखी गई और कौशल विकास पर चर्चा हुई। बंद पड़ी मिलों संबंधी सेटलमेंट, वेलनेस सिटी, पयर्टन उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण कल्स्टर, फूड पार्क आदि पर भी जिला कलेक्टर्स से जानकारी ली गई। मुख्य सचिव जैन ने सभी कलेक्टर्स से कहा कि बैकंर्स की मासिक और त्रैमासिक बैठक सतत रूप से हों जिससे विभिन्न लक्ष्यों की समय रहते पूर्ति की जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना सहित अन्य स्वरोजगार योजनाओं में कलेक्टर्स से बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा की है।

पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान संबंधित कलेक्टर्स को वृंदावन ग्राम योजना, नर्मदा परिक्रमा पथ के कार्य को पूरा करने के लिए वन विभाग आदि के साथ समन्वय करने के लिए कहा है। मुख्य सचिव जैन ने नर्मदा नदी के किनारों पर सघन वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है जिससे प्रदेश का बेहतर आर्थिक विकास हमेशा सुनिश्चित होता रहे। उन्होंने राज्य ग्रामीण आजीविका योजना सीसी के द्वारा बैंक लिंकेज, महात्मा गांधी नरेगा और ‘एक बगिया मां के नाम’ कार्यक्रम में जिलों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की।

बैठक में मुख्य सचिव ने धरती आबा योजना के बेहतर क्रियान्वयन के साथ वन अधिकार दावों का निराकरण और अधिकार पत्रों के वितरण में गंभीरता पूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए है। उन्होंने समर्थन मूल्य पर धान और मौटे अनाज की खरीदी कार्य की समीक्षा की और कहा कि भंडारण और परिवहन का बेहतर प्लान बनाएं तथा कोशिश करें कि केंद्रों से अधिकतम धान मिलर्स को दिया जाए। उन्होंने सिकमी-बटाईदारों के वेरीफिकेशन के निर्देश भी दिए।

मुख्य सचिव जैन ने कलेक्टर्स से कहा कि नामांतरण, बटवारा और सीमांकन के अविवादित और विवादित प्रकरणों के निराकरण के लिए निर्धारित समय-सीमा का हर हाल में पालन हो। कलेक्टर और एसडीएम रोस्टर अनुसार तहसीलों का निरीक्षण करें। हर माह राजस्व समीक्षा बैठक हो और नक्शा, दुरूस्तगी के बाद ही प्रकरण को अंतिम रूप से निराकृत कराकर पोर्टल में दर्ज करें। उन्होंने नए पुराने खसरों को लिंक करते हुए डिजीटाइजेशन के निर्देश दिए। मुख्य सचिव जैन ने धार से केवाईसी कर लैंड लिंक कार्य को भी पूरी संजीदगी से करने के लिए कहा है।

बैठक में प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कलेक्टर सहित सभी कार्यपालिक दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी एक साथ भ्रमण करें जिससे आमजन में कानून व्यवस्था के प्रति और भरोसा बढ़े तथा अपराधियों के होसले पस्त हों। उन्होंने महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति के प्रति अपराधों को रोकने के लिए सुनियोजित मुहिम चलाने के लिए कहा। मुख्य सचिव जैन ने सड़कों पर दोपहिया वाहन चालकों की बिना हेलमेट के होने वाली दुघर्टनाओं को रोकने के लिए समाज की सहभागिता से हेलमेट के उपयोग के प्रति जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाने के लिए कहा है। उन्होंने रोड सेफ्टी के लिए समितियों की नियमित बैठक करने के लिए कहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि जिले के अधिकारी टीम भावना से काम करें।

(Udaipur Kiran) तोमर