Uttar Pradesh

शेरगढ़–बबाईन घाट पर पंटून पुल निर्माण की उठी जोरदार मांग, 20 से अधिक गांवों की आवागमन समस्या बनी चुनौती

फोटो - इस जगह बनता है यमुना नदी पर पंटूल पुल
फोटो

औरैया, 28 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के इटावा औरैया में यमुना नदी पर स्थित शेरगढ़–बबाईन घाट पर पंटून पुल का निर्माण इस वर्ष अब तक शुरू न होने से क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों के हजारों लोगों में नाराज़गी व्याप्त है। यह पुल औरैया, इटावा, जालौन व भिंड जिलों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है, लेकिन हर वर्ष बरसात में पुल हटने के बाद दीपावली से इसका निर्माण शुरू हो जाता था। इस बार नवंबर खत्म होने को है, फिर भी निर्माण कार्य शुरू न होने से लोगों में गहरा असंतोष है।

इटावा जनपद के चकरनगर तहसील के शेरगढ़ गांव निवासी पिंटू सेंगर ने बताया कि पंटून पुल बरसात के समय टूट जाता है, पर हर साल दीपावली के बाद इसका पुनर्निर्माण शुरू हो जाता था। “इस वर्ष अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों का आना-जाना बेहद प्रभावित हो रहा है।

निमरी गांव के शिवमंगल सिंह ने बताया कि पंटून पुल बनने से 15 से 20 गांवों के लोगों को बड़ी राहत मिलती है। “पुल न होने से दैनिक आवागमन से लेकर आपातकालीन परिस्थितियों तक हर काम में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

औरैया जनपद के बबाईन ग्राम पंचायत की प्रधान अर्चना निषाद ने कहा कि शादियों का सीजन चल रहा है, लेकिन पुल न होने से लोगों को यमुना पार करने के लिए 30 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। “जहां पुल हो तो महज 15 मिनट में नदी पार की जा सकती है, वहीं अब कई घंटे बेवजह खर्च हो रहे हैं,” प्रधान ने बताया।

कचहरी गांव निवासी रोहित सेंगर ने बताया कि शिक्षा के लिए उन्हें अजीतमल जाना पड़ता है। “पुल न होने से 50–60 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है। अगर पुल बन जाए तो आधे घंटे में विद्यालय पहुंच सकते हैं,” उन्होंने कहा।

इसी गांव के पूजन सिंह सेंगर ने बताया कि आसपास के लगभग 10 गांवों के छात्र-छात्राओं को अजीतमल में पढ़ाई करनी पड़ती है। “पुल न होने से कई बच्चों को किराए पर रहना पड़ता है। गांव आने-जाने में 50–55 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है,” उन्होंने कहा।

स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और सरकार से शीघ्र पंटून पुल का निर्माण कर आवागमन को सुगम बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि पुल का समय पर निर्माण हजारों ग्रामीणों के लिए जीवन रेखा साबित होगा।

—————

(Udaipur Kiran) कुमार