RAJASTHAN

राजसमंद के पिपलांत्री में पहुंचे शिक्षा मंत्री

कार्यक्रम को संबंध करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
कार्यक्रम में उपस्थित क्षेत्र वासी आदि
पेड़ को गले लगाते हुए शिक्षा मंत्री

राजसमंद, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को ग्राम पिपलांत्री में आयोजित समारोह के दौरान जल ग्रहण प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के गंभीर मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ों का औसत अत्यंत कम है, जो चिंताजनक स्थिति दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को लेकर समाज में अभी भी पर्याप्त जागरूकता का अभाव है। यदि यही स्थिति बनी रही तो भविष्य में पानी की भारी कमी का संकट उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने बताया कि देश में आज जितना पानी रिचार्ज हो रहा है, उससे पांच गुना अधिक पानी का दोहन किया जा रहा है, जो अत्यंत खतरनाक संकेत है।

उन्होंने आगे कहा कि “यदि हमें खुद को और मानवता को ज़िंदा रखना है तो पानी को बचाना ही होगा। पानी का अंधाधुंध उपयोग अब बंद करना होगा।” मंत्री दिलावर ने बताया कि देश में प्रति व्यक्ति केवल 28 पेड़ ही उपलब्ध हैं, जबकि औसतन 422 पेड़ होने चाहिए। उन्होंने स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति सजगता पर जोर देते हुए कहा कि गंदगी से दोस्ती नहीं करनी है और पॉलिथीन का उपयोग कम कर पर्यावरण को सुरक्षित रखना है।

पिपलांत्री मॉडल की सराहना करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यह मॉडल पूरे देश में पर्यावरण संरक्षण का प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है। यहां हर बेटी के जन्म पर 111 पौधे लगाने की परंपरा ने न केवल गांव को हराभरा बनाया है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच भी विकसित की है। पेड़ों की सुरक्षा, उनके नियमित पोषण और संरक्षित क्षेत्र बनाने जैसे प्रयासों ने पिपलांत्री को एक सतत विकास का आदर्श स्थल बना दिया है। मंत्री ने कहा कि आज जब देश पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे समय में पिपलांत्री का मॉडल वैश्विक स्तर पर भी अनुसरण करने योग्य है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिपलांत्री में पौधरोपण के साथ-साथ जल संरक्षण, वेस्ट मैनेजमेंट और सामुदायिक सहभागिता जैसी व्यवस्थाएं इसे विशेष पहचान देती हैं। गांव के लोगों में पर्यावरण के प्रति जो जागरूकता और समर्पण दिखाई देता है, वह पूरे राजस्थान के लिए गौरव की बात है। मंत्री दिलावर ने कहा कि यदि देश के अन्य गांव भी पिपलांत्री की तरह सामूहिक प्रयास करें तो पर्यावरण की सुरक्षा और जल संकट का समाधान आसान हो सकता है। उन्होंने इस मॉडल को जन-भागीदारी आधारित उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की।

इस अवसर पर जिला प्रमुख रतनी देवी जाट, पूर्व आईएएस जितेंद्र उपाध्याय, पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, सरपंच अनीता पालीवाल, पद्मश्री और पिपलांत्री मॉडल के सूत्रधार श्याम सुंदर पालीवाल, समाजसेवी माधव जाट, गणमान्य नागरिक, वाटर शेड से जुड़े अधिकारी,अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रज्ञा, एसई अनिल सनाढ्य आदि सम्मानित अतिथिगण उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / Giriraj Soni