Uttar Pradesh

कुशीनगर के फाजिलनगर का नाम बदलकर रखा जाएगा पावा नगर: योगी आदित्यनाथ

कुशीनगर के फाजिलनगर का नाम बदलकर रखा जाएगा पावा नगर: योगी आदित्यनाथ

गाजियाबाद, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में एक और स्थान का इस्लामिक नाम बदलने का ऐलान आज किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशीनगर के कस्बा फाजिलनगर का नाम बदलकर जैन आस्था के मुताबिक किया जाएगा। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को गाजियाबाद के मुरादनगर में स्थित श्री तरुण सगराम पारसनाथ अतिशय तीर्थ धाम में गुफा मंदिर उद्घाटन समारोह मे वहां उपस्थित जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जैन मुनि परंपरा तप, त्याग और नैतिक जीवन का संदेश देती है, जो समाज को दिशा देने में महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि कुशीनगर के फाजिलनगर का नाम जैन समाज की ऐतिहासिक आस्था के अनुरूप ‘पावा नगर’ किया जाएगा। पावा वह पवित्र स्थल है जहां भगवान महावीर के महापरिनिर्वाण का विश्वास किया जाता है, इसलिए क्षेत्र की पहचान को उसके आध्यात्मिक महत्व के अनुरूप सम्मान देना जरूरी है।

कुशीनगर जिले में फाजिलनगर नाम का एक महत्वपूर्ण कस्बा है, जो अपनी भौगोलिक स्थिति और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश को बिहार से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने के कारण व्यापार और आवागमन का बड़ा केंद्र है। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत नौ संकल्पना परिकल्पना को जैन समाज अपने अनुशासित जीवन, स्वावलंबन, सेवा कार्य और समाज सुधार की प्रेरणा से साकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता ही वह शक्ति है जो समाज में संतुलन, समरसता और स्थायी विकास सुनिश्चित करती है। कार्यक्रम में उपस्थित प्रसन्न सागर महाराज ने कहा कि भारत की परंपरा त्याग, तप और साधना की भूमि रही है। राजनीति में सनातन धर्म की सहभागिता यह दर्शाती है कि राष्ट्र आज आध्यात्मिक मूल्यों पर आगे बढ़ रहा है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने भारतीय संस्कृति, उसकी अध्यात्मिक विरासत और जैन परंपरा की गौरवशाली भूमिका पर विस्तृत रूप से विचार रखे। कार्यक्रम में उपस्थित साधु-संतों, श्रद्धालुओं और जैन समुदाय को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की परंपरा केवल इतिहास का विषय नहीं, बल्कि यहां के ऋषि-मुनियों, तपस्वियों और संतों की अद्वितीय महागाथा है, जिसने युगों-युगों से विश्व मानवता को दिशा दी है। उनके अनुसार भारतीय संस्कृति की नींव सदैव सत्य, त्याग, करुणा, त्याग और तपस्या पर आधारित रही है, जिसे दुनिया आज भी आदर्श के रूप में स्वीकार करती है।

उन्होंने कहा कि आज देश अपनी सांस्कृतिक जड़ों को पुनर्स्थापित कर रहा है। अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण इसी सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रमाण है। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से हुए भगवा ध्वजारोहण ने करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को गौरव से भर दिया है। यह दृश्य केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक अस्मिता के पुनरुत्थान का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री योगी ने जैन परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का नाम भारत की आध्यात्मिक पहचान का महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने बताया कि काशी धरा इस बात की साक्षी है कि यहां एक-दो नहीं, बल्कि चार जैन तीर्थंकरों का अवतरण हुआ। यह तथ्य जैन धर्म की गहरी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक जड़ों को दर्शाता है।

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने भगवान पारसनाथ से प्रदेश और देश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि जब भारत अपनी परंपरा और ज्ञान को सम्मान देता है, तब दुनिया स्वाभाविक रूप से उसका अनुसरण करती है।

इस दौरान तरुण सागर तीर्थ एवं तरुण क्रांति मंच ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री से गुरुकुल, गौशाला और आयुर्वेदिक स्कूल खोलने की मांग भी रखी गई। ट्रस्ट ने कहा कि इससे युवाओं को शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति, पशुपालन और आयुर्वेदिक उपचार पर आधारित ज्ञान मिलेगा, जो समाज निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।

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हिन्दुस्थान /सुरेश

(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी