RAJASTHAN

झुंझुनू में 58 हजार किसानों को नहीं मिली पीएम किसान निधि की किश्त

किसान सम्मान निधि योजना

झुंझुनू, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जारी की गयी 21वीं किश्त की राशि ट्रांसफर की गई है। लेकिन राजस्थान में झुंझुनू जिले के 58 हजार पंजीकृत किसानों को दस्तावेज अपडेट नहीं होने की वजह से सम्मान निधि की राशि नहीं मिल पाई। इन किसानों को मिलने वाली करीब 11.60 करोड़ रुपए की राशि अटकी पड़ी है।

जिले में कुल 2.99 लाख किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत हैं। इनमें से एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जिनके दस्तावेज समय रहते अपडेट नहीं हो सके। इसमें ई-केवाईसी, आधार-बैंक खाता लिंक, खाता अपडेट, आधार अपडेट और लैंड सीडिंग जैसी अनिवार्य प्रक्रियाएं शामिल हैं। इस बार लाभ से वंचित रहने वाले किसानों में बड़ी संख्या वरिष्ठ नागरिकों की है। विभाग के अनुसार, कई बुजुर्ग किसानों के फिंगरप्रिंट मशीन में मैच नहीं होने की वजह से उनकी ई-केवाईसी पूरी नहीं हो पाई।

जिले में सबसे अधिक 24,618 किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है। जबकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ई-केवाईसी को पूरा करना अनिवार्य है। ई-केवाईसी लंबित रहने पर किसानों को आने वाली किश्तों का लाभ नहीं मिल सकेगा। ई-केवाईसी फेल होने के सबसे बड़े कारणों में वरिष्ठ किसानों की तकनीकी दिक्कतें, गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या और बायोमेट्रिक मशीनों का सही तरीके से काम न करना शामिल हैं। कई किसानों को इसकी जानकारी समय पर नहीं मिल पाई कि बिना ई-केवाईसी उनके खाते में राशि नहीं आएगी।

जिले के 19,302 किसानों का बैंक खाता और आधार अपडेट नहीं हो पाया है। कई किसानों ने बैंक शाखाओं में जाकर खाता लिंक करवाया लेकिन डाटा सर्वर में अपडेट न होने से प्रक्रिया पेंडिंग रह गई। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें किसानों ने बैंक बदल लिया लेकिन योजना पोर्टल पर नया खाता अपडेट नहीं कराया। इससे भुगतान रिस्क में चला गया और किश्त रोक दी गई।

इस योजना के तहत जमीन के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। जिले के 13 हजार किसान ऐसे हैं जिनकी भूमि से जुड़ा डाटा राजस्व विभाग या योजना पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पाया। जमीन सत्यापन नहीं होने के पीछे पटवार हल्कों में स्टाफ की कमी, किसानों के रिकॉर्ड का पुराना होना, नामांतरण प्रक्रिया का लंबा चलना और रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन में देरी जैसी वजहें सामने आई हैं। जिन किसानों के कागजातों में छोटी सी भी त्रुटि है उनकी फाइल पोर्टल पर रिजेक्ट हो गई और किश्त रुक गई।

यह पहली बार नहीं है कि बड़ी संख्या में किसान किश्त से वंचित हुए हों। जिले में पिछली 3 किश्तों में भी 40-60 हजार किसानों को दस्तावेज अपडेट न होने के कारण लाभ नहीं मिला था। कृषि विभाग ने 58 हजार किसानों की फाइल रोकने के बाद ब्लॉक स्तर पर विशेष कैंप लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इन कैंपों में किसान अपना आधार, बैंक खाता, ई-केवाईसी और लैंड सीडिंग की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।

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(Udaipur Kiran) / रमेश