
सड़े गले आलू से हो रहा पर्यावरण प्रदूषित
फर्रुखाबाद, 27 नवंबर (हि. स.,)। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के शीतगृहों के सड़े आलू रिहायशी इलाकाें में फेंके जा रहे हैं। यह काम शीत गृहाें के कर्मचारी कर रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारी माैन साधे हैं। रिहायशी इलाकाें में मकानों के आसपास सड़े आलू फेंकने पर रोक लगाने के साथ ही कचरे की समुचित व्यवस्था कराने हेतु आलू विपणन संघ के निदेशक अशोक कटियार एडवोकेट ने इस मामले में जिलाधिकारी को पत्र लिख कर पूरी जानकारी देते हुए संबंधित लाेगाें के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है l उन्होंने कहा कि जिले के शीतगृहाें में सफाई कार्य चल रहा है और शीतगृह से निकलने वाला सड़ा, गला, हरा, छर्रे कटपीस व कचरा आलू सड़क के किनारे, सार्वजनिक स्थान रिहायशी मकानों के आसपास फेंका जा रहा है। जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है एवं आम जनमानस को सड़े आलू की गन्ध के कारण कठिनाई हो रही है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि यह गंदगी नालों के माध्यम से पतित पावनी गंगा में भी पहुंचती है। जिससे जनभावनायें आहत होती हैं और शीतगृह अधिनियम व पर्यावरण अधिनियम के विरुद्ध है। इस तरह के कूड़े, कचरे ग़दगी को शीतगृह मालिक नियमानुसार अपनी निजी भूमि में गड्डा खोद कर डलवायें, मिट्टी से ढक कर चूना का छिड़कने का उपयोग करें l उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि इस सम्बन्ध में जिला आलू विकास अधिकारी को आवश्यवक निर्देश दें जिससे इस प्रकार की गंदगी से लोगों को निजात मिल सके। प्रकरण में जिलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि इस सम्बंध में जिला आलू विकास अधिकारी से वार्ता की जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / Chandrapal Singh Sengar