Uttar Pradesh

सीएसजेएमयू के जैन शाेध पीठ के प्रणेता सुधासागर के सानिध्य में 12 ब्रह्मचर्य को मिली जैन दीक्षा

सीएसजेएमयू परिसर में स्थित शोध पीठ के निदेशक प्रो. अशोक कुमार जैन तथा प्राध्यापक आचार्य राहुल जैन ने निभाई विशेष सहभागिता,जैन शोध पीठ के प्रणेता ने दी प्रथम बार दीक्षाएं

कानपुर, 26 नवंबर ( हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कल्याणपुर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय परिसर में स्थित आचार्य विद्यासागर सुधासागर जैन शोध पीठ के मूल प्रेरणा स्रोत तीर्थचक्रवर्ती श्रमण शिरोमणि मुनिपुंगव सुधासागर महाराज की तरफ से विशाल जन-समूह के मध्य संघस्थ पूज्य क्षुल्लक वरिष्ठसागर, विदेहसागर सहित 12 अन्य ब्रह्मचर्य साधक श्रावकों को भव्य समारोह में बुधवार को दर्शनोदय तीर्थक्षेत्र थूबौन मध्यप्रदेश में विशाल पांडाल में ऐलक दीक्षा प्रदान की गयी। यह जानकारी सीएसजेएमयू परिसर में स्थित शोध पीठ के निदेशक प्रो. अशोक कुमार जैन ने दी।

सीएसजेएमयू परिसर में स्थित शोध पीठ के निदेशक प्रो. अशोक कुमार जैन ने बताया कि इस मौके पर दर्शनोदय तीर्थक्षेत्र पर लगभग 50 हजार श्रावक-श्राविकाओं का विशाल समूह समुपस्थित था। पूज्य मुनिपुंगव सुधासागर महाराज का जैन तीर्थक्षेत्रों के जीर्णोद्धार, नव तीर्थों के सृजन में तथा श्रमण संस्कृति संस्थान, सुधासागर महाराज बालिका आवासीय संस्थाओं में उल्लेखनीय योगदान के साथ शैक्षणिक जगत, में उनका महनीय उपकार है।

उन्होंने कहा कि कानपुर विश्वविद्यालय में आचार्य विद्यासागर सुधासागर जैन शोधपीठ के वे मूल प्रेरणा स्रोत हैं। जिसमें इस समय जैन दर्शन एवं प्राकृत विषयों में शताधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।श्रावक संस्कारों के निर्वाण में भी उनका महत्वपूर्ण अवदान है।जिसमें सम्मिलित हजारों साधक संयममय जीवन को अपनाकार अपनी आत्मा का कल्याण कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उन्होंने इस पीठ के मार्गदर्शक प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलपति को विशेष शुभाशीष के साथ इस शोध पीठ के न्यासीगणों जैसे- प्रदीप जैन ‘तिजारा वाले’, सी.ए. सुधीन्द्र जैन, महेंद्र कुमार कटारिया, सी.ए. अरविंद कुमार जैन, विनीत जैन, आमोद जैन आदि को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

सीएसजेएमयू परिसर में स्थित शोध पीठ के निदेशक प्रो. अशोक कुमार जैन तथा प्राध्यापक आचार्य राहुल जैन ने विशेष सहभागिता करते हुए बताया कि वहां का दृश्य अनुपम एवं वैराग्यवर्धक था। शोध पीठ के प्रेरणा स्रोत पूज्य मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने प्रथम बार 14 गुणस्थानों के प्रतीक स्वरूप 14 साधकों को ऐलक दीक्षाएं प्रदान की है। उनका यह अवदान श्रमण संस्कृति को ऐतिहासिक बनाने में विशेष योगदान देगा। हम सभी उनके इस अवदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद