Uttar Pradesh

बाल मजदूरी का बड़ा खुलासा: बिहार से लाए गए 27 नाबालिग मीरजापुर में कालीन बुनाई में मिले

रेस्क्यू किए गए बच्चों को सीडब्ल्यूसी ले जाती श्रम प्रवर्तन टीम।

मीरजापुर, 26 नवम्बर (Udaipur Kiran) । विंध्याचल थाना क्षेत्र के दूधनाथ तिराहे पर सोमवार को श्रम विभाग और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 27 नाबालिग बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया। इन बच्चों की उम्र महज 8 से 16 वर्ष के बीच बताई गई है। सभी बच्चे बिहार प्रांत के अररिया जिले से लाए गए थे और यहां कालीन बुनाई के काम में लगाए गए थे।

श्रम प्रवर्तन अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि जानकारी मिलने पर तत्काल टीम गठित की गई और छापेमारी की गई। मौके से मिले बच्चों ने बताया कि उन्हें बिहार से ठेकेदारों के जरिए काम करने के लिए मीरजापुर भेजा गया था। कुछ बच्चों ने बताया कि उनके माता-पिता अभी भी बिहार में हैं और उन्हें मजदूरी के लिए भेज दिया गया।

कार्रवाई के दौरान इमरान नामक स्थानीय व्यक्ति पर संदेह जताया गया है, जो कथित रूप से बाहरी प्रांत से नाबालिगों को लाकर काम कराता था। श्रम विभाग ने उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की तैयारी शुरू कर दी है।

रेस्क्यू किए गए बच्चों को श्रम प्रवर्तन अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने टीम के साथ मिलकर सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) में प्रस्तुत कराया, जहां आगे की काउंसलिंग, मेडिकल और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। छापेमारी के दौरान एक युवक ने बताया कि हम लोग 35 बच्चे थे… बिहार से लाए थे… मम्मी-पापा बिहार में हैं। ठेकेदार लेकर आया था… 8–10–12 साल वाले भी थे… अंदर 35 लोग काम करते थे।

यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि पूरे मामले में संगठित तरीके से नाबालिगों का शोषण किया जा रहा था। श्रम विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि जनपद में बाल मजदूरी और मानव तस्करी जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके।

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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा