

सीतापुर, 25 नवम्बर (Udaipur Kiran) । सिधौली की उपजिलाधिकारी राखी वर्मा के खिलाफ सांसद राकेश राठौर ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार शाम सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को भेजे अपने शिकायती पत्र और मीडिया को दिए बयान में कहा कि उन्होंने 18 नवम्बर को एक अत्यंत महत्वपूर्ण जनसमस्या को लेकर एसडीएम सिधौली को फोन किया, लेकिन अधिकारी ने उनका कॉल तक रिसीव करना उचित नहीं समझा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को लिखे पत्र में सांसद ने आरोप लगाया कि मैंने कई बार कॉल किया… फोन न उठाने पर मैसेज और व्हाट्सऐप पर भी औपचारिक संदेश भेजा, लेकिन एसडीएम ने कोई उत्तर देना तक ज़रूरी नहीं समझा। यह आचरण न सिर्फ़ एक जनप्रतिनिधि का अपमान है, बल्कि साफ तौर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था का गला घोंटने जैसा है।
उन्होंने कहा कि कई दिन तक एसडीएम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जबकि मामला जनता की पीड़ा से जुड़ा था। सांसद के अनुसार, शिकायत भेजने के बाद 25 नवम्बर को अचानक एसडीएम का फोन आया, जिस पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा-अब फोन आने का क्या मतलब? शिकायत के बाद फोन करना किस मानसिकता को दर्शाता है?” सांसद राठौर ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जनप्रतिनिधि लगातार प्रयास करते हैं, परंतु यदि अधिकारी ही संवाद न करें, तो यह शासन-प्रशासन की नीयत पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस पूरे विवाद पर जब एसडीएम सिधौली से (Udaipur Kiran) ने उनका पक्ष जानना चाहा तो उनका इतना ही कहना था कि हमारी आज जो सांसद जी से बात हुई है, उसे सर्वजन के बीच लाना उचित नहीं है। एसडीएम का यह बयान विवाद को और गहरा कर रहा है, क्योंकि सांसद इसे जनप्रतिनिधि के अधिकार और गरिमा पर सीधा हमला बता रहे हैं।
सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष से मांग की है कि प्रकरण की उच्च स्तर पर जांच कराई जाए और ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई हो, जो जनप्रतिनिधियों की अनदेखी कर लोकतांत्रिक आचरण का उल्लंघन करते हैं।
सांसद राकेश राठौर वर्ष 2017 से 22 के बीच जब भारतीय जनता पार्टी से सदर विधायक थे तब भी वह ब्यूरोक्रेसी पर मुखर रहते थे। भाजपा विधायक रहते सत्ता में भी उन्होंने कई मामलों पर पुलिस व प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया था। सांसद राठौर द्वारा लगाए गए आरोप कोई नई बात नहीं है। जनपद में इससे पूर्व भी कई जनप्रतिनिधियों द्वारा उपेक्षा का आरोप प्रशासन पर लगता रहा है। सीतापुर के प्रशासनिक गलियारों में यह मामला अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है।
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(Udaipur Kiran) / Mahesh Sharma