Madhya Pradesh

मंदसौर : प्याज के दामों से परेशान किसान, अर्थी निकाल कर किया प्रदर्शन

प्याज के दामों से परेशान किसान, अर्थी निकाल कर किया प्रदर्शन

मंदसौर, 24 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के धमनार में सोमवार को किसानों ने प्याज की गिरती कीमतों के विरोध में अनोखा प्रदर्शन किया। उचित दाम न मिलने से परेशान किसानों ने प्याज की अर्थी सजाकर अंतिम यात्रा निकाली और श्मशान पहुंचकर उसे मुखाग्नि भी दी। इस दौरान किसानों का दर्द और नाराजगी दोनों साफ झलक रही थी।

अंतिम यात्रा बैंड-बाजों के साथ निकाली गई, जिसमें ह्लरघुपति राघव राजा रामह्व की धुन बजती रही। किसानों ने इस अनोखी प्रतीकात्मक अंतिम यात्रा के माध्यम से भगवान से भी प्याज के बेहतर दाम मिलने की प्रार्थना की। प्रदर्शन के बाद किसानों ने धुंधड़का तहसीलदार को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। किसानों ने बताया कि इस वर्ष प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई है। पिछले वर्ष इसी माह प्याज 25-30 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा था, जबकि इस बार कीमत घटकर मात्र 1-2 रुपए प्रति किलो रह गई है। स्थिति इतनी खराब है कि किसान मजबूरी में अपनी मेहनत से उगाई प्याज की फसल पर रोटावेटर चलाकर नष्ट कर रहे हैं, ताकि समय पर अगली फसल की बोवाई की जा सके। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही प्याज के दाम नहीं बढ़े तो उनकी आर्थिक स्थिति और अधिक बिगड़ जाएगी। प्रशासन से राहत की मांग करते हुए किसानों ने चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान नहीं मिलने पर आंदोलन और तेज किया जाएगा।

पीली सरसों खराब होने पर किसान ने साढ़े तीन बीघा पर चलाया रोटावेटर

जिले के मल्हारगढ़ क्षेत्र में हुई लगातार बेमौसम बारिश ने पहले सोयाबीन, प्याज की सेहत बिगाड़ी ओर अब किसानों की पीली सरसों खराब होरही है। सोमवार को प्रात: 10,30 बजे निनोरा के किसान बाबूलाल पाटीदार ने साढ़े तीन बीघा की पीली सरसों पर रोटावेटर व ट्रेक्टर चलाकर नष्ट कर दिया।

सूचना पर मौके पर पहुंचे मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा से किसान बाबूलाल पाटीदारने बताया कि वर्तमान में किसानों को किसी भी फसल के वाजिब दाम नही मिलने से किस्सन हताश एवं निराश है,मेने साढ़े तीन बीघा में पीली सरसो बोई थी बेमौसम बारिश से पूरी फसल खराब हो गई थी बड़े दु:खी मन से इस पर रोटावेटर एवं ट्रेक्टर लगाकर पूरी फसल को नष्ट कर रहा हु इस पर लगभग 55 हजार रुपये का खर्चा हुवा ओर अब ट्रेक्टर के किराए का भुगतान भी जेब से ही करना पड़ेगा खेती किसानी घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया