
– समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के लिये बीएलओ और शासकीय सेवक पूरे मनोयोग से कार्यरत
भोपाल, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर 2026) का कार्य भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रमानुसार जारी है। 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक गणना पत्रकों के डिजिटाइजेशन को समय पर पूरा करने के लिए बीएलओ सहित पूरा मैदानी अमला पूर्ण निष्ठा और मनोयोग से कार्य में जुटा है।
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने रविवार को बताया कि प्रत्येक बीएलओ को कार्य में सहयोग प्रदान करने के लिए 2 से 3 सदस्यों की टीम लगाई गई है। इनमें ऐसे शासकीय सेवक शामिल हैं जिन्हें क्षेत्र और वहां के निवासियों की बेहतर जानकारी हो- जैसे पटवारी, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक आदि। इसके साथ ही गणना पत्रकों के डिजिटाइजेशन के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों की अलग टीम भी तैनात की गई है। मतदाताओं के मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए राज्य स्तर और सभी जिलों में हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं। साथ ही राज्य का टोल-फ्री नंबर 1950 भी सक्रिय रूप से संचालित है।
उन्होंने कहा कि कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन और समय पर कार्य पूर्ण करने वाले बीएलओ को राज्य एवं जिला स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है, जिससे अन्य बीएलओ भी प्रेरित हों और कार्य की गति एवं गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो।
गणना पत्रक भरने के लिए आवश्यक नहीं किसी भी प्रकार का ओटीपी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने मतदाताओं को सतर्क करते हुए बताया है कि एसआईआर-2026 के दौरान गणना पत्रक भरने के लिए बीएलओ या किसी भी अन्य अधिकारी द्वारा किसी भी माध्यम से ओटीपी मांगे जाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची में स्वयं, माता-पिता या दादा-दादी संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ अथवा नजदीकी हेल्पडेस्क से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जानकारी ऑनलाइन voters.eci.gov.in या ceoelection.mp.gov.in पर भी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया है कि एसआईआर पत्रक भरते समय सुरक्षा उपायों का पालन करें। आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर ही एसआईआर भरें।
ये हैं सुरक्षा उपाय
ओटीपी या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। एसआईआर की प्रक्रिया में निर्वाचन विभाग या किसी अधिकारी द्वारा फोन/मैसेज पर ओटीपी, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि मांगना प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। यदि कोई इस तरह की जानकारी माँगता है तो वह ‘साइबर फ्रॉड कॉल’ हो सकता है।
एसआईआर भरते समय इन बातों का रखें ध्यान
एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी प्रकार की फीस, प्रोसेसिंग चार्ज या भुगतान करने के लिए कहे जाने पर ध्यान दें-ऐसे संदेश/कॉल धोखाधड़ी हो सकते हैं। व्हॉट्सऐप या सोशल मीडिया पर मिले लिंक न खोलें। ‘आपका वोटर कार्ड रद्द हो जाएगा’, ‘तुरंत एसआईआर भरें’ जैसे संदेश फर्जी हो सकते हैं। एसआईआर के लिये साइबर कैफे का उपयोग करते समय सतर्क रहें। ऑटो-सेव बंद रखें, कार्य समाप्त होने पर ब्राउजर इतिहास/कैश साफ़ करें और अनिवार्य रूप से लॉगआउट करें। किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल: www.cybercrime.gov.in अथवा हेल्पलाइन: 1930 पर करें।
(Udaipur Kiran) तोमर