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अनुसूचित परिवार को वन भूमि से बेदखल करने पर रोक

काेर्ट

जयपुर, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने बूंदी जिले की वन कृषि उपज भूमि पर दशकों से निवास कर रहे याचिकाकर्ता को बेदखल करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में वन विभाग से जवाब तलब किया है। जस्टिस संजीत पुरोहित की एकलपीठ ने यह आदेश कैलाश चन्द मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता बूंदी जिले की इस वन कृषि उपज भूमि पर करीब तीस साल से निवास कर रहे हैं। उन्हें करीब 11 साल पहले भूमि पर बिजली कनेक्शन भी दिया जा चुका है। इसके बावजूद वन विभाग परम्परागत वन निवासी मान्यता अधिकार अधिनियम, 2006 के प्रावधानों की अवहेलना कर अनुसूचित याचिकाकर्ता परिवार को मौके से बेदखल करने की कार्रवाई कर रहा है। विभाग ने गत 23 अक्टूबर को इस संबंध में आदेश भी जारी किया है। याचिका में कहा गया कि एक ओर उसे मौके से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी ओर करीब चार साल पहले उसे भाई को उक्त भूमि का वन अधिकार पत्र दिया जा चुका है। ऐसे में याचिकाकर्ता को मौके से बेदखल नहीं किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को बेदखल करने पर रोक लगाते हुए वन विभाग के संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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(Udaipur Kiran)