
जयपुर, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजर भर्ती-2018 पेपर लीक और नकल से जुडे मामले में कालेर गैंग के मुखिया पौरव कालेर को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने राजाराम उर्फ राजू और लाभार्थी सुमन की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जस्टिस चंद्र प्रकाश श्रीमाली की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए। अदालत ने गत 14 नवंबर को जमानत याचिकाओं पर बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जमानत याचिकाओं में कहा गया कि प्रकरण में उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और कोई पूछताछ व बरामदगी भी शेष नहीं है। वह लंबे समय से जेल में बंद हैं और निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगने की संभावना है। ऐसे में उन्हें अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद नहीं रखा जा सकता। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश चौधरी ने कहा कि पौरव ने अपने साथी राजाराम के साथ मिलकर बीकानेर में परीक्षा आरंभ होने से पहले स्कूल संचालक की मदद से पेपर लीक कराया। इस पेपर के जरिए अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई गई। इन अभ्यर्थियों में से सुमन सहित चार अभ्यर्थियों का चयन भी हुआ। इसकी एवज में पौरव ने पन्द्रह लाख रुपए लिए थे। वहीं आरोपी राजाराम ने स्कूल के परीक्षा केन्द्र से अपने मोबाइल के जरिए पेपर की फोटो लेकर पौरव को भेजी थी। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पौरव के खिलाफ बीते करीब दस साल में पेपर लीक और नकल के आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। वहीं राजाराम के खिलाफ भी इसी तरह के चार प्रकरण दर्ज हैं। दूसरी ओर सुमन ने नकल कर भर्ती परीक्षा पास की है। आरोपियों के चलते परिश्रमी अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है और भर्ती की पवित्रता भंग हुई है। इसलिए इन आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
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(Udaipur Kiran)