धर्मशाला, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । धर्मशाला के इंद्रुनाग पैराग्लाइडिंग साइट पर बीते दिन शुक्रवार को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इस साइट पर पहली बार हुई इस तरह की घटना ने साहसिक पर्यटन की सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पर्यटन विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं और एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान ने पुष्टि की है कि साइट की पूरी फीजिबिलिटी रिपोर्ट देखने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कमेटी इस बात की तकनीकी जांच करेगी कि क्या दुर्घटना का कारण पायलट की गलती थी?, क्या यह घटना हवा के रुख में अचानक बदलाव के कारण हुई? या इस दुर्घटना के पीछे कोई अन्य वजह रही? जांच कमेटी की तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर ही भविष्य की कार्रवाई और पैराग्लाइडिंग दोबारा शुरू करने पर निर्णय लिया जाएगा।
शुक्रवार को हुई इस घटना में, पैराग्लाइडर एक बिजली के तार में फंस गया था। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से पायलट और महिला पर्यटक दोनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां महिला पर्यटक की हालत गंभीर बताई गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीर बहादुर सिंह ने पुष्टि की है कि बचाव कार्य के बाद, पुलिस ने पायलट और पर्यटक दोनों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया था।
यह घटना एक बार फिर क्षेत्र में साहसिक खेलों के लिए कड़े सुरक्षा मानकों के पालन की आवश्यकता को उजागर कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में धर्मशाला और अन्य पैराग्लाइडिंग साइटों पर कई घातक हादसे सामने आए हैं। इन हादसों में पर्यटकों की मौतें हुई हैं, जिससे प्रशासन पर सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करने का दबाव बढ़ा है। प्रशासन अब इस बात पर भी गौर कर रहा है कि कहीं पायलटों द्वारा अनधिकृत साइटों से उड़ान तो नहीं भरी जा रही है, जो कई दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण रहा है।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया