
नई दिल्ली, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली की रेखा सरकार ने एक अनोखी और भावनात्मक पहल शुरू की है। सरकार ने सिक्योरिटी गार्ड्स को हीटर देना शुरू कर दिया है ताकि सर्दियों के दौरान कॉलोनियों में पहरा देने वाले गार्ड्स सर्दी से बचने के लिए इन हीटरों का प्रयोग करें। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली हाट पीतमपुरा में आरडब्ल्यूए को इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए। उन्होंने कहा कि सरकार की यह पहल न केवल नाइट गार्ड्स को ठंड से राहत देगी बल्कि खुले में लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन के उपयोग को कम करके वायु प्रदूषण में कमी लाने में भी सहायक होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी के प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है। पूरी सरकार व सरकारी मशीनरी प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए प्रभावी व कड़े कदम उठा रही है।
इस कार्यक्रम में सांसद प्रवीण खंडेलवाल, कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक तिलक राम गुप्ता, राजकुमार भाटिया तथा विभिन्न आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण का एक अहम कारण खुले में लकड़ी, कूड़ा और कोयला जलाना है। इस समस्या को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने आज से यह योजना शुरू की है, जिसके तहत 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक हीटर सीएसआर फंडिंग के माध्यम से विभिन्न आरडब्ल्यूए को उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह मानवीय कदम जन-सहभागिता का नया मॉडल है। सरकार की ओर से प्रेस करने वाले श्रमिकों को कोयला आधारित प्रेस की बजाय गैस या इलेक्ट्रिक प्रेस अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, साथ ही झुग्गी बस्तियों के परिवारों को उज्ज्वला योजना के माध्यम से गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रदूषण के खिलाफ यह लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब नागरिक, संस्थान और आरडब्ल्यूए समान रूप से योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह कदम दिल्ली को अधिक स्वच्छ और स्वास्थ्यकर बनाने की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि उनकी सरकार वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार प्रभावी व कड़े कदम उठा रही है। सरकार के सभी मंत्री, जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी लगातार सफाई व स्वच्छता अभियान की निगरानी कर रहे हैं। सफाई सुधार के लिए आधुनिक मशीनरी व उपकरणों का प्रयोग हो रहा है। दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को इलेक्ट्रिक बनाने की दिशा में तेज़ी से प्रगति हो रही है। वर्ष 2026 के अंत तक दिल्ली सरकार की 100 प्रतिशत बसें इलेक्ट्रिक होंगी।
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों की नीतियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 11 से अधिक वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद पूर्ववर्ती सरकार प्रदूषण नियंत्रण, यमुना की सफाई, कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने, सड़क सुधार, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण जैसे बुनियादी मुद्दों पर ठोस काम करने में असफल रहीं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की पहचान केवल ऑड-ईवन जैसे असुविधाजनक प्रयोगों से बनी, जिससे जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
इसके विपरीत, वर्तमान सरकार समस्याओं से ईमानदारी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निपटते हुए दीर्घकालिक समाधान तैयार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार क्लाउड सीडिंग जैसी उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार समाधान खोजने में लगातार प्रयासरत है, वहीं विपक्ष केवल आलोचना करने तक सीमित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सहयोग, तकनीक और जिम्मेदार शासन, इन्हीं तीन स्तंभों पर टिकी हमारी रणनीति दिल्ली को प्रदूषण-मुक्त और सतत विकास का मॉडल शहर बनाएगी।
इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण की लड़ाई को पिछले आठ–नौ महीनों में नई दिशा दी है। बायोमास बर्निंग रोकने के लिए हीटर वितरण पहल इसी सोच का हिस्सा है। उन्होंने जानकारी दी कि दिल्ली की परिस्थितियां पूरे देश से अलग हैं। कई बार हमारा प्रदूषण हमारे पड़ोसी राज्यों से भी प्रभावित होता है। इसके बावजूद हमारी सरकार ने दिल्ली के भीतर प्रदूषण नियंत्रण में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। कंस्ट्रक्शन साइट्स की सख़्त मॉनिटरिंग, हाई-राइज इमारतों पर एंटी-स्मॉग गन्स को अनिवार्य करना, 8000 इंडस्ट्री यूनिट्स को पॉल्यूशन मानकों के दायरे में लाना, नॉन रेगुलराइज इंडस्ट्री एरियाज़ को रेगुलराइज़ करना जैसे कार्य दिखाते हैं कि प्रदूषण कम करना हमारे लिए एक घोषणा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है जिसे हमने जमीन पर लागू करके दिखाया है।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव