
उमरिया, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में 19 नवम्बर की रात कुख्यात बदमाशों ने लूट की तीन वारदातों के अंजाम दिया था। इतना ही नहीं लूट के दौरान एक कॉन्स्टेबल चन्द्र कान्त तिवारी को गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। तभी उनको पता चला कि वारदात में शामिल तीन आरोपियों में से एक आरोपी करिया लोनी धनवाही और अचला के जंगल में छुपा है। इसके बाद पुलिस ने पकड़ लिया है।
हालांकि इस दौरान पुलिस और आरोपी के बीच मुठभेड़ हुई। जिसमें मिस फायर होने पर एक पुलिस कॉन्स्टेबल घायल हो गया। उसके पैर में गोली लगने की भी खबर है। इसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की है। इसमें बदमाश भी घायल हुआ है। फिलहाल दोनों को अस्पताल लाया गया है।
दरअसल, करिया लोनी के धनवाही और अचला के जंगल में छिपा हुआ था। वहीं, उसके जंगल में होने की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए चारों तरफ से घेरना शुरू कर दिया। घेराबंदी को देखकर आरोपी अपनी बाइक से भागना शुरू किया। वहीं, पुलिस भी उसके पीछे पड़ गई। भागने के दौरान वह बाइक से गिर पड़ा। अपने आप को घिरा देखकर आरोपी ने पुलिस पर फायर कर दिया था।
इस पूरे मामले में एसपी उमरिया विजय भागवानी का कहना है कि 19 नवम्बर की रात एनएच 43 में पिपरिया स्थित बिरासिनी पेट्रोल पम्प में 3 बदमाश पहुंचे। उन्होंने पेट्रोल पंप वालों से मारपीट की और लूट की वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान वहां से कॉन्स्टेबल चंद्रकांत तिवारी गुजर रहे थे। उन्होंने बदमाशों को रोका तो कॉन्स्टेबल से भी बड़ी बेरहमी से मारपीट की थी।
इसके बाद करीब बदमाशों ने 5 किमी दूर एक हार्वेस्टर वाले के साथ भी मारपीट की। पीड़ित से बदमाशों ने उसके साथ भी 47 हजार रूपये की लूट की है। बदमाश आगे बढ़ते हुए ग्राम लोढ़ा मे एक रेलवे कर्मचारी काशी राम के साथ भी मारपीट की थी। फिर 5 हजार रूपये लूट लिए गए।
तीन आरोपियों में एक आरोपी को पुलिस ने पकड़ने का प्रयास किया तो फायरिंग की थी, लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में घायल होने के बाद अपने आप को सरेंडर कर दिया।
पुलिस ने कहा कि अभी दो आरोपियों की तलाश की जा रही है। उनकी भी शिनाख्त हो गई है मगर अभी किन्हीं कारणों से उनके नाम प्रदर्शित नहीं किये जा सकते।
पुलिस ने कहा कि पहले हुई मारपीट में हमारा जो आरक्षक चंद्रकांत तिवारी है उसकी स्थिति अत्यधिक गंभीर है। अभी डॉक्टर उसके जीवन के बारे में बहुत कुछ नहीं बोल पा रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी