
मंडी, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जंबाल ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने सार्वजनिक मंच पर कहा कि कांग्रेस की विचारधारा को जन–जन तक पहुंचाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाएंगे, वह बेहद आपत्तिजनक, गैर–जिम्मेदाराना और पूरी तरह राजनीतिक बयान है। यह स्वयं सिद्ध करता है कि कांग्रेस सरकार अब बच्चों की किताबों को अपनी राजनीतिक विचारधारा का प्रचार–पत्र बनाने पर तुली हुई है। यह सिर्फ अध्यक्ष का व्यक्तिगत विचार नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों पर चल रहा एक सुनियोजित एजेंडा है।
राकेश जंबाल ने कहा कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को तुरंत स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह एजेंडा बोर्ड अध्यक्ष का है या स्वयं उनका। दरअसल सच्चाई यह है कि बोर्ड अध्यक्ष वही बोल रहे हैं जो मुख्यमंत्री सुक्खू अपने मन में छिपाकर बैठे थे। कांग्रेस के इशारे पर अब शिक्षा व्यवस्था को राजनीतिक प्रयोगशाला बनाया जा रहा है। यह बयान किसी शिक्षा संस्थान के प्रमुख का नहीं बल्कि एक कट्टर कांग्रेस कार्यकर्ता का बयान लगता है, जो अपने राजनीतिक आकाओं को प्रसन्न करने के लिए बच्चों की सोच तक को कुर्बान करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों का मुखिया कोई शिक्षाविद, अकादमिक अनुभव वाला और शिक्षा दर्शन को समझने वाला व्यक्ति ही होना चाहिए, न कि वह जो मुख्यमंत्री के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया हो। शिक्षा बोर्ड जैसी प्रतिष्ठित संस्था को किसी ऐसे व्यक्ति के हवाले कर देना, जो खुलेआम कहता है कि वह कांग्रेस विचारधारा को पाठ्यक्रम में शामिल करेगा, शिक्षा के साथ सबसे बड़ा अपराध है।
भाजपा मुख्य प्रवक्ता राकेश ने कहा कि शिक्षा बच्चों की स्वतंत्र सोच, तर्कशीलता और वैज्ञानिक दृष्टि विकसित करने का माध्यम होती है,कांग्रेस की विचारधारा थोपने का साधन नहीं। सुक्खू सरकार शिक्षा को कांग्रेस का चापलूसी केंद्र बना रही है ताकि गांधी परिवार और शीर्ष नेतृत्व को खुश किया जा सके।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा