HimachalPradesh

पदोन्नति नियमों में बदलाव से भड़के तकनीकी कर्मचारी, विधायक को सौंपा ज्ञापन

विधायक प्रकाश राणा के साथ प्रतिनिधिमंडल के सदस्य।

मंडी, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 26 अगस्त 2023 को हुए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन के खिलाफ तकनीकी कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा है। शनिवार को तकनीकी कर्मचारी संघ इकाई जोगिंद्रनगर के इकाई प्रधान शंभू राम ठाकुर इकाई सचिव केशव राम के नेतृत्व में बिजली बोर्ड के प्रभावित कर्मचारियों ने जोगिंद्रनगर विधायक प्रकाश राणा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने विधायक के माध्यम से सरकार से मांग की है कि पदोन्नति से वंचित कर्मचारियों के लिए श्वन टाइम सेटलमेंट नीति बनाई जाए।

विधायक को सौंपे गए ज्ञापन में कर्मचारियों ने बताया कि 26 अगस्त 2023 को किए गए संशोधनों के कारण नॉन-आईटीआई वर्ग के सैकड़ों कर्मचारी,जिन्होंने बोर्ड को अपनी जवानी के 25 से 35 साल दिए हैं, वे अब पदोन्नति की दौड़ से बाहर हो गए हैं।

कर्मचारियों ने बताया कि पहले टी-मेट से असिस्टेंट लाइनमैन बनने के लिए 90 फीसदी कोटा नॉन-आईटीआई और 10 प्रतिशत आईटीआई कर्मचारियों के लिए था। नए नियमों में इसे पूरी तरह उलट कर 90प्रतिशत आईटीआई और मात्र 10प्रतिशत नॉन-आईटीआई कर दिया गया है। इसी प्रकार, असिस्टेंट लाइनमैन से लाइनमैन की पदोन्नति में भी नॉन-आईटीआई का कोटा 80 प्रतिशत से घटाकर महज 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस बदलाव से पूरे प्रदेश में 500 से अधिक तकनीकी कर्मचारी प्रभावित हुए हैं और कई बिना प्रमोशन के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

कर्मचारियों ने विधायक के समक्ष मंडी डिवीजन का विशेष मुद्दा उठाते हुए कहा कि नियमों की विसंगति के कारण एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है। 2015 बैच का कर्मचारी आज 2017, 2019 और 2021 बैच के कर्मचारियों से जूनियर हो गया है। एक ही मेरिट पर भर्ती हुए कर्मचारी अलग-अलग पदों पर भेजे गए, जिसके चलते कुछ जगहों पर 2021 का हेल्पर अब एसएसए बन चुका है। जबकि 2015 और 2017 के कर्मचारी आज भी टी-मेट या एएलएम के पद पर अटके हुए हैं। प्रतिनिधिमंडल ने विधायक प्रकाश राणा से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे को हिमाचल प्रदेश सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाएं।

—————

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा