

अंबिकापुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत छत्तीसगढ़ में चल रहे धान खरीद तिहार को इस बार डिजिटल सुविधाओं ने नई गति दी है। राज्य शासन द्वारा लागू किए गए तुंहर टोकन ऐप के व्यापक इस्तेमाल से किसानों की धान विक्रय प्रक्रिया पहले से अधिक सहज, तेज और पारदर्शी हो गई है। मोबाइल से कुछ मिनटों में टोकन प्राप्त होने से किसानों को उपार्जन केंद्रों में अनावश्यक समय और श्रम खर्च नहीं करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार लागू इस सुविधा का लाभ गांव-गांव के किसान उठा रहे हैं। जिले में शुक्रवार को ही 52 किसानों ने मोबाइल ऐप के माध्यम से धान विक्रय के लिए टोकन काटा, जो इस डिजिटल नवाचार की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
अंबिकापुर विकासखंड के आदिमजाति सेवा सहकारी मर्यादित समिति मेड्राकला में धान बेचने पहुंचे ग्राम भिट्ठी कला निवासी किसान श्याम राजवाड़े ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ धान का उत्पादन किया है और 26 क्विंटल का टोकन घर बैठे ही निकाल लिया। उनका कहना है कि पूर्व में टोकन कटवाने उपार्जन केंद्र जाना पड़ता था, जिससे पूरा दिन खराब हो जाता था, पर अब मोबाइल से टोकन काटने पर सीधे बारदाना उपलब्ध हो जाता है और धान की तौल भी बिना समय गंवाए पूरी हो जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की भी सराहना की।
ग्राम भिट्ठी कला के ही किसान मिलन राम ने 62 क्विंटल धान के लिए तुंहर टोकन ऐप से टोकन प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि मोबाइल ऐप के कारण उन्हें बार-बार केंद्र नहीं जाना पड़ा और पहुंचते ही बारदाना मिल गया। उनका कहना है कि इस वर्ष की धान खरीदी प्रक्रिया किसानों की सुविधा को ध्यान में रखकर अधिक बेहतर और पारदर्शी बनाई गई है।
तुंहर टोकन ऐप के उपयोग से धान खरीद व्यवस्था में कई सकारात्मक बदलाव सामने आए हैं। लंबी कतारों से मुक्ति, भीड़भाड़ में कमी, समय और श्रम की बचत तथा टोकन व्यवस्था में पूर्ण पारदर्शिता। किसानों की बढ़ती संतुष्टि यह संकेत दे रही है कि राज्य शासन की यह डिजिटल पहल कारगर सिद्ध हो रही है और धान विक्रय को पहले से अधिक विश्वसनीय व सरल बना रही है।
(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह