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संजौली मस्जिद विवाद : हिन्दू संगठनों का आमरण अनशन खत्म

संजौली मस्जिद विवाद

शिमला, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । संजौली मस्जिद विवाद को लेकर पिछले चार दिनों से जारी तनाव के बीच पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी से हिंदू संगठनों का बड़ा प्रदर्शन शुक्रवार को नहीं हुआ। प्रशासन और पुलिस ने आंदोलनकारियों से बातचीत कर इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की। प्रशासन के आश्वासन के बाद हिंदू हिंदू संगठन देवभूमि संघर्ष समिति ने चार दिन से चल रहा आमरण अनशन खत्म कर दिया। अनशन पर बैठे हिंदू नेता मदन ठाकुर और विजय शर्मा ने जूस पीकर अनशन तोड़ा। अब मामले के समाधान के लिए प्रशासन और हिंदू संगठनों की संयुक्त कमेटी की बैठक 29 नवंबर को होगी।

हिंदू रक्षा मंच के अध्यक्ष कमल गौतम ने कहा कि प्रशासन ने उनकी सभी बातों को सुना है और सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन और हिंदू संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा होकर समाधान निकाला जाएगा। हिंदू संगठनों ने स्पष्ट किया कि आमरण अनशन भले ही खत्म कर दिया गया है, लेकिन बैठक तक क्रमिक अनशन जारी रहेगा। संगठनों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा और वे प्रशासन के साथ मिलकर शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।

हिंदू संघर्ष समिति के नेता विजय शर्मा ने भी कहा कि चार दिनों के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद प्रशासन का रवैया गंभीरता की ओर बदला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 29 नवंबर की बैठक में विवाद का स्थायी समाधान निकल सकेगा।

गौरतलब है कि हिंदू संगठनों का यह आंदोलन संजौली में बनी विवादित मस्जिद को लेकर चल रहा है, जिसे नगर निगम कोर्ट और जिला अदालत पहले ही अवैध घोषित कर चुकी हैं। हिन्दू संगठन बिजली-पानी के कनेक्शन काटने, अवैध ढांचे को गिराने की प्रक्रिया शुरू करने और नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। इसके साथ ही वे पिछले सप्ताह नमाज पढ़ने के लिए गए लोगों को रोकने के मामले में हिन्दू संगठन के सदस्यों पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग भी कर रहे थे। शुक्रवार को बड़े आंदोलन की चेतावनी के बाद प्रशासन ने सुबह से ही एहतियाती कदम उठाते हुए स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखी।

हालांकि अनशन समाप्त होने के बाद भी दिनभर संजौली क्षेत्र में तनाव महसूस किया गया। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि मस्जिद में नमाज नहीं होगी, लेकिन दिनभर लोगों का आना-जाना जारी रहा। स्थानीय लोगों का भी कहना था कि उन्हें स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। वहीं मस्जिद के मौलवी ने कहा कि उन्हें पुलिस या प्रशासन की ओर से नमाज न होने देने का कोई आदेश नहीं मिला, लेकिन उन्होंने माहौल शांत रखने के लिए स्वयं नमाज नहीं होने दी।

बता दें कि संजौली मस्जिद विवाद की शुरुआत अगस्त 2024 में मल्याणा क्षेत्र में एक झगड़े के बाद हुई थी। स्थानीय दुकानदार पर मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों द्वारा हमले के बाद मामला तूल पकड़ गया था। बताया गया कि आरोपी युवक घटना के बाद संजौली मस्जिद में छिप गए थे। इस घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। बाद में 11 सितंबर 2024 को हिंदू संगठनों ने संजौली में बड़ा प्रदर्शन किया, जिसके चलते क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों औऱ पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी औऱ पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

विवाद बढ़ने के बाद 12 सितंबर 2024 को संजौली मस्जिद कमेटी ने नगर निगम आयुक्त के समक्ष अवैध हिस्से को स्वयं हटाने की पेशकश की थी। इसके बाद 5 अक्टूबर 2024 को एमसी कोर्ट ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने का आदेश दिया। बाद में उच्च न्यायालय ने भी निगम आयुक्त की अदालत को निश्चित समय में निर्णय लेने के निर्देश दिए थे, जिसके तहत मई 2025 में निचली दो मंजिलों को भी अवैध करार दिया गया। बीते 30 अक्टूबर को जिला अदालत ने भी संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम कोर्ट के आदेश को सही ठहराया।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा