HimachalPradesh

हिमाचल में 26 हजार करोड़ रुपये का राजस्व तीन वर्षों में एकत्र, राज्य कर एवं आबकारी विभाग की कामयाबी

शिमला, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल में राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने पिछले तीन वर्षों में निरंतर वृद्धि के साथ 26,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व एकत्र किया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली को मजबूत किया और राजस्व संग्रह में सुधार किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान विभाग ने 10,248.56 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 10,880.57 करोड़ रुपये हो गया। वर्तमान वित्त वर्ष 2025-26 में, सितंबर तक विभाग ने 5,536.30 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया है। विभाग के एक प्रवक्ता ने गुरूवार काे ये जानकारी दी।

उन्हाेंने कहा कि यह आंकड़ा यह साबित करता है कि वर्ष 2022-23 के मुकाबले जी.एस.टी., एक्साइज, वैट, पी.जी.टी. और अन्य करों से प्राप्त राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। यह वृद्धि राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए सुधारों का परिणाम है, जिनसे बेहतर कार्यकुशलता और अनुपालन सुनिश्चित हुआ है।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने विभाग की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से एक अहम कदम शराब ठेकों के आवंटन के लिए नीलामी-कमदृटेंडर प्रणाली का लागू करना था। इससे आबकारी राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 के 2,147.04 करोड़ रुपये के मुकाबले यह राजस्व 2023-24 में 2,631.30 करोड़ रुपये और 2024-25 में 2,776.41 करोड़ रुपये हो गया।

राजस्व संग्रह में इस वृद्धि के पीछे एक और अहम पहल राज्य सरकार द्वारा शराब पर 10 रुपये का मिल्क सेस लगाने की है। इस सेस से वर्ष 2023-24 में 144.84 करोड़ रुपये और 2024-25 में 141.92 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्राप्ति हुई, जिसका उपयोग दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालकों की सहायता के लिए किया जा रहा है।

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2024-25 से नेचुरल फार्मिंग सेस लागू किया, जिससे 24.62 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2025-26 के लिए डब्ल्यू.डी.ए. सेस भी लागू किया गया है, जिसके तहत भारतीय और विदेशी शराब के निर्यात पर प्रति बल्क लीटर 1.50 रुपये का सेस लगाया जाएगा। यह सेस बेसहारा या विधवा महिलाओं तथा दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों की सहायता के लिए है।

राज्य कर विभाग ने डिजिटल शासन की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अप्रैल 2023 में शुरू की गई एक्साइज एंड गवर्नेंस प्रोजेक्ट के तहत अब पास और परमिट पूरी तरह से ऑनलाइन जारी होते हैं और सभी शुल्कों का भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जा सकता है। इसके अलावा, जनवरी 2024 में विभाग में जी.एस.टी. और एक्साइज के लिए अलग-अलग शाखाओं का गठन किया गया, जिससे विशेषज्ञता, प्रवर्तन और सेवा प्रदायगी में सुधार हुआ है।

सितंबर 2024 में एक नया ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप शुरू किया गया, जिसके माध्यम से करदाताओं को कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इनमें ई-रजिस्ट्रेशन, वैट और सी.एस.टी. की ई-रिटर्न फाइलिंग, ऑनलाइन कर भुगतान, चेकपोस्ट पर ई-डिक्लरेशन, विभिन्न वैधानिक प्रपत्रों को ऑनलाइन जारी करना और सत्यापन जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा की गई यह पहल मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की जन-कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता, विकास और व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाती है। इन सुधारों के माध्यम से राज्य सरकार ने न केवल विभाग की कार्यप्रणाली को सुधारने में सफलता प्राप्त की है, बल्कि राजस्व संग्रह में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो राज्य के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा