

कोरबा/जांजगीर-चांपा, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और आदिवासी समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से जिले में एक सराहनीय पहल देखने को मिली। आदिवासी गोंड समाज, जिसने महुआ शराब बनाना पूरी तरह छोड़कर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाया है, अब कुल सात तरह के स्थानीय उत्पाद तैयार कर रहा है। इन उत्पादों को बाजार दिलाने के लिए जांजगीर-चांपा के स्थानीय व्यापारियों ने आगे आते हुए सहयोग और प्रोत्साहन देने की सहमति जताई है।
आज गुरुवार को एसपी कार्यालय में आयोजित एक विशेष बैठक में स्थानीय व्यापार संघ के अध्यक्ष, पदाधिकारी और गोंड समाज के उत्पाद निर्माता उपस्थित रहे। इस अवसर पर दोनों पक्षों के बीच इन उत्पादों के बाजारीकरण, पैकेजिंग, आपूर्ति श्रृंखला और मूल्य निर्धारण जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में एक प्रभावी *बिजनेस मॉडल* तैयार करने पर सहमति बनी, जिससे इन उत्पादों को स्थानीय बाजारों के अलावा अन्य जिलों और राज्यस्तर तक पहुंचाया जा सके।
व्यापारियों ने कहा कि वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना न केवल आदिवासी समाज को आर्थिक मजबूती देगा, बल्कि जिले के ग्रामीण उद्योगों को भी नई पहचान मिलेगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि उत्पादों की गुणवत्ता और ब्रांडिंग को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
गोंड समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि अब वे अपनी पारंपरिक विधियों और स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर स्वास्थ्यवर्धक, उपयोगी और पर्यावरण-सम्मत उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इस पहल से समुदाय के लोग नशामुक्ति के साथ सम्मानजनक आजीविका की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों और व्यापारियों ने आश्वासन दिया कि वे आदिवासी उत्पादों को स्थानीय दुकानों, प्रदर्शनियों और ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापक बाजार उपलब्ध कराने में हरसंभव सहयोग करेंगे।
(Udaipur Kiran) /हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी