

प्रधानमंत्री ने की किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी
जयपुर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन देश के किसान, मजदूर, युवा और महिलाओं के विकास से जुड़ा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय और बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के विचारों के अनुरूप अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के विकास तथा जरूरतमंद तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाकर उसके जीवन स्तर को उठाने के लिए हमारी सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी की है। यह कदम हमारी सरकार का किसान कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को तमिलनाडु के कोयम्बटूर में पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त के हस्तान्तरण कार्यक्रम एवं दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित हुए इस कार्यक्रम से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा वीसी के माध्यम से जुड़े और प्रधानमंत्री के संबोधन को सुना। इसी कड़ी में श्री शर्मा ने दुर्गापुरा के राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसान हमारे देश की रीढ़ है। मेहनत, लगन और समर्पण से ये अनाज उपजाते हैं। प्राकृतिक आपदा, चिलचिलाती धूप, कपकपाती ठंड और अन्य विपदाओं में भी किसान खेत में निरन्तर कार्य करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से किए वायदों को पूरा किया जा रहा है। राज्य के किसानों की आर्थिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए धनतेरस पर मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अब तक 20 किस्त जारी हुई हैं जिससे राजस्थान के किसानों के खातों में 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। 21वीं किस्त में लगभग 1400 करोड़ की राशि किसानों के खातों में जमा करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने की संख्या की दृष्टि से राजस्थान का देश में पांचवां स्थान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों की आर्थिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सरकार 3 हजार रुपये की राशि अलग से दे रही है। इससे किसानों को केन्द्र व राज्य सरकार से अब 9 हजार रुपये प्रतिवर्ष सम्मान निधि की राशि मिल रही है, जिसे चरणबद्ध तरीके से 12 हजार रुपये तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में जल व्यवस्था के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। हमारी सरकार ने 17 जिलों के लिए राम जल सेतु लिंक परियोजना, शेखावाटी के लिए यमुना जल समझौता, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, गंगनहर, माही बांध एवं देवास परियोजना का विस्तार, जल संरक्षण एवं संचय के लिए कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि दो वर्षों में अच्छी वर्षा से प्रदेश के बड़े बांधों, डिग्गी, तालाबों में जल स्तर बढ़ा है।
शर्मा ने कहा कि किसानों को बिजली के बिलों में 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया है। प्रदेश के किसानों को वर्ष 2027 तक दिन में बिजली देने का काम करेंगे। फिलहाल 22 जिलों में किसानों को दिन में बिजली देना प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना में राज्य के करीब 2 लाख किसानों को सोलर ऊर्जा से बिजली प्रदान कर लाभान्वित किया गया है। पशुपालन हमारे किसानों की आय का प्रमुख स्रोत है। राज्य सरकार किसान पशुपालकों को दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर का बोनस दे रही है। उन्होंने कहा कि पशुओं के उपचार के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट की सुविधा दी जा रही है। स्कूलों के नौनिहालों को पोषण के लिए दूध भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालक को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। वहीं, किसानों को अच्छी खेती व पैदावार के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज के किट भी दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 77 लाख से अधिक किसानों को 43 हजार करोड़ रुपये से अधिक अल्पकालीन ब्याजमुक्त फसली ऋण वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत पर सहकारी समिति की स्थापना के लिए हमारी सरकार काम कर रही है। साथ ही, राज्य में पैक्स कम्प्यूटराइजेशन का कार्य तेज गति से चल रहा है। राजस्थान में 41 हजार से अधिक सहकारी समितियों से जुड़े 1 करोड़ 17 लाख से अधिक सदस्य सहकारिता से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। वहीं, किसानों को पर्याप्त उवर्रक उपलब्ध करवाया जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जा रहा है। अब तक लगभग 5 हजार 735 पैक्स गो-लाइव किया जा चुका है। 97 हजार से अधिक कृषि यंत्रों पर 546 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान को रोकने के लिए 28 हजार किलोमीटर की तारबंदी भी की गई है। प्रदेश में 9 हजार से अधिक पीएम किसान समृद्धि केन्द्र स्थापित किए गए हैं। कृषि शिक्षा में हमारी बेटियों को प्रोत्साहन देने के लिए कक्षा 12, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की छात्राओं को 97 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि वितरित की गयी है जो पिछले सरकार से 5 गुणा अधिक है। मोटे अनाज यानि श्री अन्न के उत्पादन में राजस्थान अग्रणी है।
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि कृषि और सहकारिता एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की खेती से जुड़ी आवश्यकताओं को समझते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सौगात दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी किसानों को 3 हजार रुपये की सम्मान निधि देने का काम किया है। जिससे केन्द्र और राज्य की किसान सम्मान निधि की राशि कुल 9 हजार रुपये हो गई है। यह राशि किसानों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि किसान हमारे समाज और अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ है। किसानों को आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण, सामाजिक सुरक्षा और बाजार तक सीधी पहुंच मिले, इसके लिए यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
इस दौरान सहकारिता से संबंधित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, शासन सचिव कृषि राजन विशाल सहित संबंधित विभाग के उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran)