CRIME

विदेशी व्हाट्सअप नम्बर पर बना दी डीसी शिमला की फेक आईडी, पुलिस जांच में जुटी

डीसी शिमला की फेक आईडी

शिमला, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब आला अफसर भी उनकी पहुंच से बाहर नहीं रहे। शातिरों ने एक बार फिर शिमला के उपायुक्त (डीसी) और आईएएस अधिकारी अनुपम कश्यप के नाम और फोटो का इस्तेमाल करते हुए फर्जी व्हाट्सऐप अकाउंट बना दिया। इसमें वियतनाम के कंट्री कोड (+84) का इस्तेमाल किया गया है, ताकि ठग पुलिस से बच सकें।

इस मामले के सामने आने के बाद डीसी ने पुलिस अधीक्षक शिमला को शिकायत भेजते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

डीसी की पहचान का इस तरह दुरुपयोग होने को प्रशासन ने बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला माना है।

डीसी अनुपम कश्यप ने अपनी शिकायत में स्पष्ट लिखा है कि मोबाइल नंबर +84 81 273 9070 से कोई अज्ञात व्यक्ति उनका नाम और फोटो लगाकर व्हाट्सऐप पर लोगों से संपर्क कर रहा है। यह नंबर विदेश का प्रतीत होता है, जिससे शक और भी गहरा हो गया है। डीसी ने शिकायत में बताया कि इस फर्जी प्रोफाइल और भेजे गए संदेशों का स्क्रीनशॉट पुलिस को उपलब्ध करवा दिया गया है।

उन्होंने एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी को प्रेषित शिकायत में कहा है कि मामला तत्काल साइबर सेल को भेजकर आरोपी की पहचान की जाए और उसके खिलाफ कानूनी व तकनीकी कार्रवाई की जाए।

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि किसी सरकारी अधिकारी की पहचान का इस तरह गलत इस्तेमाल अपराध है। ऐसे मामलों पर तुरंत रोक लगाना जरूरी है, क्योंकि इससे अफसरों की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचता है।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब डीसी शिमला के नाम का फर्जी व्हाट्सऐप अकाउंट बनाया गया हो। जुलाई 2024 में भी डीसी शिमला अनुपम कश्यप के नाम और फोटो का इस्तेमाल कर फर्जी व्हाट्सऐप अकाउंट तैयार किया गया था। तब भी डीसी अनुपम कश्यप ने पुलिस में दर्ज करवाई थी और साइबर पुलिस ने जांच भी की थी। लोगों को तब भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई थी, ताकि कोई भी अनजान नंबर से आने वाले संदिग्ध संदेशों में न फंसे।

अब एक वर्ष 4 माह बाद फिर वैसी ही घटना सामने आना इस बात का संकेत है कि साइबर अपराधी लगातार अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं और चोरी-छिपे जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।

शिमला पुलिस इसकी जांच में जुट गई है और साइबर सेल को नंबर तथा प्रोफाइल का तकनीकी विश्लेषण सौंपा जा रहा है।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा