RAJASTHAN

आयुर्वेद की शक्ति शास्त्राध्ययन और अनुसंधान में निहित: प्रो. गौड़

jodhpur

आयुर्वेद विवि में पीजी ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह आयोजित

जोधपुर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में पूर्व कुलगुरु वैद्य बनवारीलाल गौड के मुख्य आतिथ्य एवं कुलगुरु प्रोफेसर (वैद्य) गोविंद सहाय शुक्ल की अध्यक्षता में पीजी छात्रों के ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ।

मुख्य अतिथि वैद्य बनवारीलाल गौड ने अपने संबोधन में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को पारंपरिक आयुर्वेद ग्रंथों के गहन अध्ययन के लिए प्रेरित किया और कहा कि आयुर्वेद की प्रामाणिकता को समझने के लिए शास्त्राध्ययन एवं अनुसंधान दोनों का संतुलित समन्वय आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से आयुर्वेद में अटूट आस्था रखते हुए नवीन शोध एवं नवाचार को अपनाने का आह्वान किया। अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रोफेसर (वैद्य) गोविंद सहाय शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नैदानिक दक्षता तथा शोध-उन्मुख वातावरण उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल उपचार पद्धति नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से युक्त जीवनशैली है। पीजी विद्यार्थी इस परंपरा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर महेंद्र कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों, संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य को सुदृढ़ करते हैं। इस अवसर पर प्राचार्य पीजीआइए प्रो. चंदन सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजाराम अग्रवाल, उपकुलसचिव डॉ. मनोज अदलक्खा, डीन रिसर्च प्रो. देवेंद्र सिंह चाहर सहित सभी विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं स्नातकोत्तर छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / सतीश