RAJASTHAN

ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट से चुटकियों में धुलने लगी ट्रेन

jodhpur

ढाई करोड़ रुपए की लागत से ट्रेन के बाहर से धुलाई हुई आसान, महज सात मिनट में धुल रही 22 डिब्बों की ट्रेन

जोधपुर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल स्थित भगत की कोठी कोचिंग डिपो में ढाई करोड़ रुपये की लागत से स्थापित ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट से ट्रेनों की बाहरी सफाई अब पहले से कहीं अधिक तेज, सटीक और पर्यावरण-अनुकूल हो गई है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि यह पूर्णत: स्वचालित प्रणाली हाई-प्रेशर जेट,डिटर्जेंट स्प्रे,ब्रशिंग, रिंसिंग, वाइपर और ब्लोअर जैसे कई चरणों के माध्यम से 24 कोच की एक ट्रेन को मात्र 7-10 मिनट में साफ कर देती है। इस प्लांट में लगे सेंसर केवल आवश्यक स्थानों पर ही पानी का प्रयोग सुनिश्चित करते हैं, जिससे जल का अत्यधिक संरक्षण होता है।

यहां स्थापित एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) के माध्यम से धुलाई जल का लगभग 80 प्रतिशत पुनर्चक्रित होकर दोबारा उपयोग में लाया जाता है। इससे ताजे पानी की खपत में भारी कमी आई है। उच्च तकनीक वाले वर्टिकल और हॉरिजान्टल ब्रश ट्रेन को 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गुजरते हुए हर हिस्से की सफाई करते हैं। स्वचालित व्यवस्था के कारण धुलाई में लगने वाला श्रम और समय दोनों कम हुआ है, जिससे कर्मचारी अन्य रखरखाव कार्यों में अधिक प्रभावी ढंग से लगाए जा रहे हैं। प्लांट का संचालन रेलवे के स्वच्छता, आधुनिकीकरण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

इस तरह होती है धुलाई

वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (कैरेज एंड वैगन) मेजर अमित स्वामी बताते हैं कि ट्रेन को 5-10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से प्लांट से गुजारा जाता है प्लांट में लगी मशीन ट्रेन को बाहर से साफ करेंगी। अलग-अलग मशीन पहले तो ट्रेन को पानी से स्प्रे कर गीला करेगी, फिर डिटर्जेंट लगाएगी, डिटर्जेंट को ब्रश के माध्यम से मला जाएगा, ब्रश व पानी से ट्रेन को साफ किया जाएगा, ट्रीटेड वाटर व ब्रश से ट्रेन की धुलाई होगी, वाइपर डिब्बों से पानी को साफ कर अंतिम चरण में ब्लोअर से ट्रेन के पानी को सुखाया जाएगा। 24 कोच की ट्रेन की धुलाई में 7-10 मिनट का समय लगेगा। बाद में ट्रेन के भीतर से मैनुअल सफाई और अन्य मेंटेनेंस के कार्य पूर्ण किए जाते हैं।

(Udaipur Kiran) / सतीश