
झज्जर, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता के लिए नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) की नेशनल टीम ने सोमवार को बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल का निरीक्षण शुरू कर दिया। अधिकारियों की यह टीम तीन दिन तक अस्पताल का निरीक्षण करेगी। पहले दिन टीम ने अस्पताल के सभी वार्डों में स्वास्थ्य सेवाओं, मरीजों के अधिकारों और सफाई व्यवस्था सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की जांच की। इस दौरान अस्पताल अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की उम्मीद की है।
हाल ही में स्टेट क्वालिटी टीम के निरीक्षण में बहादुरगढ़ का नागरिक अस्पताल सफल रहा था। अब राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन किया जा रहा है। टीम में पंजाब से नेशनल मूल्यांकनकर्ता (असेसर) डॉ. गुरबीर सिंह ढिल्लों, रुद्रप्रयाग से डॉ. मोनिका राणा और धास से क्वालिटी नर्सिंग ऑफिसर डॉ. रेणुका शिंदे शामिल हैं। टीम ने पहुंचते ही प्रबंधन के साथ बैठक की और सभी वार्डों का निरीक्षण किया। अग्निशमन यंत्र, नाम पट्टिकायें खिडक़ी-दरवाजे, स्टाफ के व्यवहार, सफाई व्यवस्था और मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं को परखा गया।
इसके अलावा सेवा प्रावधान, मरीजों के अधिकार, मदद व्यवस्था, इन्फेक्शन नियंत्रण, क्लीनिकल सेवाएं, क्वालिटी मैनेजमेंट और आउटकम जैसे बिंदुओं का भी मूल्यांकन किया जा रहा है। अगर अस्पताल इन मानकों पर खरा उतरता है तो इसे राष्ट्रीय प्रमाण पत्र मिलेगा। जिससे बजट और सुविधाओं में बढ़ोतरी हो सकेगी। बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल में रोजाना लगभग 1500 मरीज उपचार के लिए आते हैं। दवाइयों की कमी, एक्स-रे फिल्म न मिलना और सुरक्षा में कमी जैसी समस्याएं यहां अक्सर सामने आती रही हैं। लेकिन निरीक्षण से पहले कई दिनों से व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही थीं।
टीम के आगमन को लेकर अस्पताल प्रबंधन कई दिनों से तैयारियों में जुटा था। अस्पताल में सफाई, रंग-रोगन, वेटिंग एरिया, एलईड स्क्रीन, हेल्प डेस्क और स्ट्रेचर-बेड की व्यवस्था सुधार दी गई। परिसर में पौधों के गमले भी लगाए गए। अब देखने वाली बात यह है कि टीम के दौरे के दौरान सुधरी व्यवस्थाएं आगे भी जारी रहेंगी या अस्पताल फिर पुरानी स्थिति में लौट आएगा। नागरिकों का कहना है कि बेहतर व्यवस्था केवल टीम के आने पर नहीं, बल्कि रोजाना मरीजों के लिए भी होनी चाहिए। तीन दिन के इस निरीक्षण में तय होगा कि अस्पताल राष्ट्रीय मूल्यांकन की कसौटी पर खरा उतर पाता है या नहीं।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज