Chhattisgarh

सड़क पर धान सुखा रहे किसान, बढ़ी दुर्घटना की आशंका

सड़क पर इस तरह से धान सुखा रहे ग्रामीण।

धमतरी, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । धमतरी जिले के कई गांवों में इन दिनों सड़क पर धान सुखाने की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। रबी और खरीफ सीजन के दौरान यह स्थिति और भी विकराल हो जाती है। सड़क पर फैले धान की वजह से दोपहिया वाहन चालक असंतुलित होकर गिर जाते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

धमतरी शहर से लगे हुए गांव कोर्रा, भानपुरी, गाता पार, ईर्रा, बागतराई सहित आसपास के कई ग्रामों में बड़े पैमाने पर सड़क पर ही धान सुखाया जाता है। इससे जहां सड़क बेहद संकरी हो जाती है, वहीं वाहन चालकों को निकलने में काफी जोखिम उठाना पड़ता है। ग्रामीण रमेश साहू, पूरण निषाद और जयलाल मरकाम का कहना है कि सड़क पर धान फैलाकर सुखाना दुर्घटनाओं को आमंत्रण देने जैसा है। उन्होंने बताया कि फिसलन के कारण बाइक सवार अक्सर सड़क पर गिरकर घायल हो जाते हैं। कई बार बुजुर्गों और स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को भी इस कारण परेशानी झेलनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क मुख्य आवागमन का मार्ग है, ऐसे में कृषि कार्य सड़क पर करना न केवल गलत है, बल्कि लोगों की जान को भी खतरे में डालता है। सड़क पर धान सुखाने से न सिर्फ ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि जांच के समय प्रशासन द्वारा किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद समस्या हर साल दोहराई जाती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर धान सुखाने की प्रथा पर सख्ती से रोक लगाई जाए और किसानों को वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराया जाए, ताकि दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके। यदि इस ओर जल्द कदम नहीं उठाया गया तो गंभीर हादसे होने की आशंका बनी रहेगी।

कई लोग करते हैं मिंजाई:

सड़क पर धान सुखाने की तरह ही कई लोग चना, राहर की फसल लेने के बाद सड़क के बीचो-बीच इसे फैला देते हैं, ताकि जब भी कोई वाहन इसके उपर से निकले तो फसल की मिंजाई हो जाए। इससे खतरा बना रहता है। कई बार फसल के रेशे वाहन के चक्के में फंस जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस प्रथा पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा