Haryana

हिसार : शिक्षा के विकास में व्यवहारिक ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण : प्रो. नरसी राम बिश्नोई

जनसंचार विभाग के विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण करते हुए।

विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राजस्थान के जैसलमेर में तीन‑दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण किया

हिसार, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने राजस्थान के जैसलमेर में तीन‑दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत की विविध संस्कृति

एवं इतिहास को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कराना और मीडिया विद्यार्थियों को रिपोर्टिंग

की व्यावहारिक तकनीकें सिखाना था। भ्रमण के प्रमुख स्थल- जैसलमेर का प्राचीन किला,

तनोट माता मंदिर, लोंगेवाला वॉर म्यूजियम, बॉर्डर, सैम डू के खूबसूरत दृश्य, पटवों

की हवेली व गड़ीसर झील रहे। इन स्थलों पर विद्यार्थियों ने इतिहास कि जानकारी एवं सांस्कृतिक

पहलुओं को समझा।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने विद्यार्थियों को प्रेरित

करते हुए कहा कि शिक्षा के विकास में व्यवहारिक ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण है। विभिन्न

स्थानों की जानकारी विद्यार्थियों को भारत की सांस्कृतिक विविधताओं को समझने में मदद

करती है। विद्यार्थियों को क्लॉस रूम के बाहर भी दुनिया को समझने की योग्यता होनी चाहिए।

कुलसचिव डा. विजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को हर प्रकार

की सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है, जिससे उनकी सृजनशीलता को बढ़ाया जा सके। छात्र कल्याण

के लिए पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक व व्यक्तित्व विकास करने में साहसिक शिविर जैसे ट्रैकिंग

व यात्राएं भी शामिल है।

जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. योगेश चाबा ने साेमवार काे बताया कि सांस्कृतिक एवं भौगोलिक

विविधताओं का अनुभव विद्यार्थियों के मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए अनिवार्य है।

इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों में अलग जोश और जज्बा पैदा करते हैं। उन्होंने

छात्र कल्याण विभाग के अधिष्ठाता प्रो. मुकेश शर्मा का भ्रमण के लिए जरूरी सुविधाओं

प्रदान करने पर धन्यवाद व्यक्त किया। शैक्षणिक भ्रमण की संयोजक डा. सुनैना ने कहा कि तीन‑दिवसीय यात्रा में मीडिया विद्यार्थियों को सांस्कृतिक स्थानों की रिपोर्टिंग

तकनीकों पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया, ताकि विद्यार्थियों जब भी फील्ड में जाकर काम

करें, तो उनके पास व्यवहारिक ज्ञान भी हो।

शैक्षणिक भ्रमण में विभाग से शिक्षक डॉ. कुसुम और अशोक कुमार ने सह‑संयोजक की भूमिका निभाई।

टीम में शिक्षक डॉ मनदेव, प्रवीण कुमार, गैर शिक्षक कर्मचारी राजेश कुंडू, शोधार्थी

व विद्यार्थी शामिल रहे। विद्यार्थियों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि इस यात्रा

ने उन्हें न केवल राजस्थान की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया है, बल्कि समूह संचार,

सहनशीलता और टीम वर्क जैसे विषयों को समझने और उसे लागू करने का मौका भी दिया है। यह

अनुभव उन्हें जीवन भर याद रहेगा।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर